इंटर-पार्लियामेंट्री यूनियन (IPU) की गवर्निंग काउंसिल के 206वें सत्र में 2020-23 के लिए नए अध्यक्ष का चुनाव हो गया है. पुर्तगाल से दुआरते पचेको नए अध्यक्ष होंगे. उनके साथ मुकाबले में पाकिस्तान से मोहम्मद संजरानी, उज्बेकिस्तान से अकमल सैदोव और कनाडा से सलमा अताउल्लाहजान शामिल थीं. इस बार वर्चुअल तरीके से चुनाव कराने के लिए सीक्रेट इलेक्ट्रॉनिक बैलेट पेपर का इस्तेमाल किया गया.
एक नवंबर से चार नवंबर 2020 तक होने वाली इस ऑनलाइन सत्र में दुनिया की 144 संसद (Parliaments) ने हिस्सा लिया. लोक सभा अध्यक्ष ने ओम बिरला के नेतृत्व में भारतीय दल भी शामिल हुआ. दुआरते पेजेको के अध्यक्ष चुने जाने पर लोक सभा अध्यक्ष ओम बिरला ने उन्हें बधाई संदेश भेजा और उनकी अगुवाई में आईपीयू के आगे बढ़ने की उम्मीद जताई.
2020-23 के लिए नए अध्यक्ष के लिए चुनाव की प्रक्रिया रविवार को शुरू हुई थी. आईपीयू में शामिल सभी संसदों के तीन-तीन सांसद गवर्निंग काउंसिल में अपनी संसद का प्रतिनिधित्व करते हैं. इस आधार पर उनके तीन मत होते हैं, बशर्ते इनमें एक सदस्य कम से कम महिला होनी जरूरी है.
आईपीयू के अध्यक्ष गैबरेला क्वेवस बैरन (मैक्सिको) 19 अक्टूबर को रिटायर हो गए थे. इसके बाद से कार्यवाहक अध्यक्ष आईपीयू का कामकाज देख रहे हैं. रविवार को कार्यवाहक अध्यक्ष के भाषण से गवर्निंग काउंसिल के 206वें सत्र की शुरुआत हुई. इस सत्र की कार्यसूची में राष्ट्रपति के चुनाव के अलावा, आईपीयू के बजट और अन्य प्रशासनिक मामलों पर चर्चा शामिल है. गवर्निंग काउंसिल आईपीयू की मुख्य नीति निर्धारक संस्था है, जिसे अन्य मुद्दों के साथ-साथ आईपीयू के नए प्रेसिडेंट को चुनने का अधिकार हासिल है.
आईपीयू दुनिया में राष्ट्रीय संसदों का एक वैश्विक संगठन है, जिसका मुख्यालय जिनेवा, स्विटजरलैंड में है. इसे 1989 में सांसदों के एक छोटे से समूह ने शुरू किया था. अब तक इससे 179 देशों की संसद जुड़ चुकी हैं. इसके अलावा 13 एसोसिएट सदस्य भी हैं.
आईपीयू का स्लोगन ‘लोकतंत्र के लिए, सभी के लिए’ है. इसने अपने विजन में लिखा है, ‘हम एक दुनिया चाहते हैं, जहां सभी आवाजों को सुना जाए, जहां लोकतंत्र और संसद शांति और विकास के लिए लोगों की सेवा करें.’