बिहार में चुनाव खत्म होने के बाद आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला जारी है. गुरुवार को महागबंधन दल का नेता चुने जाने के बाद तेजस्वी यादव ने मतगणना के दौरान धांधली होने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि जहां-जहां बाद में बैलेट पेपर गिन गए हैं, वहां पर वोटों की गिनती दोबारा होनी चाहिए. उन्होंने यह भी कहा कि जनादेश महागठबंधन के पक्ष में था, लेकिन बीजेपी धन, छल और बल से जीतने में सफल रही.
तेजस्वी यादव ने कहा कि एनडीए को महागठबंधन से महज 12 हजार 279 वोट ज्यादा मिले, लेकिन वह 15 ज्यादा सीटें जीतने में सफल हो गई. उन्होंने सीएम नीतीश कुमार पर भी निशाना साधा. उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी तीसरे नंबर पर आई है, ऐसे में अगर आत्मसम्मान बचा हो तो उन्हें सीएम की कुर्सी छोड़ देनी चाहिए.
बिहार विधानसभा चुनाव में महागठबंधन की अगुवाई करने वाली आरजेडी को सबसे ज्यादा 75 सीटें मिली हैं. इसके बाद बीजेपी को 74 सीटें मिली हैं. आरजेडी सबसे ज्यादा 23.1 फीसदी वोट भी मिले. वहीं, कांग्रेस को 9.5 फीसदी, जबकि एलजेपी को 5.7 फीसदी वोट मिले. बिहार चुनाव में बीजेपी को सिर्फ 19.5 फीसदी, जबकि जेडीयू को 15.4 फीसदी वोट मिले. हालांकि, उनका गठबंधन 125 सीटें जीतने में सफल रहा.
बिहार चुनाव नोटा का भी जबरदस्त इस्तेमाल हुआ. 70 हजार से ज्यादा मतदाताओं ने किसी भी उम्मीदवार को वोट नहीं दिया, बल्कि ईवीएम में नोटा का बटन दबाया. कुल वोटों में नोटा का हिस्सा 1.7 प्रतिशत रहा.
हालांकि, इस चुनाव में बीजेपी ने अपने सहयोगी दल जेडीयू को सीटों के मामले में पीछे छोड़ दिया है. वह एनडीए में सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है.