संसद के बजट सत्र के दूसरे हिस्से का समय घट सकता है. लोक सभा और राज्य सभा के 100 से ज्यादा सांसदों ने लोक सभा अध्यक्ष और राज्य सभा के सभापति के सामने बजट सत्र का समय घटाने की मांग रखी है. इसके लिए सांसदों ने पांच राज्यों में जारी विधानसभा चुनावों का हवाला दिया है. इस पर संसदीय कार्य मंत्री प्रल्हाद जोशी ने कहा है कि सांसदों की मांग पर लोक सभा अध्यक्ष और राज्य सभा के सभापति जो भी फैसला लेंगे, सरकार उसके लिए तैयार है. संसद के बजट सत्र का दूसरा हिस्सा 8 मार्च से शुरू होकर 8 अप्रैल तक चलना है. वहीं, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल, केरल, पुडुचेरी और असम में 27 मार्च से लेकर 29 अप्रैल तक विधानसभा चुनाव के लिए मतदान होना है.
टीएमसी सांसदों ने लिखी चिट्ठी
तृणमूल कांग्रेस के लोक सभा में संसदीय पार्टी के नेता सुदीप बंधोपाध्याय (Sudip Bandyopadhyay) और राज्य सभा में संसदीय पार्टी के नेता डेरेक ओ ब्रायन (Derek O’Brien) ने लोक सभा अध्यक्ष और राज्य सभा के सभापति को चिट्ठी लिखी है. इसमें उन्होंने पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव को देखते हुए संसद की कार्यवाही को स्थगित करने की मांग की है. राज्य सभा के सभापति एम. वेंकैया नायडू को लिखी चिट्ठी में सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने कहा, ‘चुनाव आयोग ने 26 फरवरी को बंगाल समेत पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव का ऐलान किया है. राज्य में चल रहे सघन प्रचार अभियान के बीच टीएमसी सांसदों के लिए बजट सत्र के दूसरे हिस्से की कार्यवाही में भाग ले पाना बहुत मुश्किल होगा.’
चुनाव के चलते पहले भी घटा है सत्र का समय
राज्य सभा सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने विधानसभा चुनाव के चलते पहले भी संसद की कार्यवाही को स्थगित किए जाने के दो उदाहरण भी दिए हैं. इसके मुताबिक, ‘222वां सत्र 21 फरवरी 2011 से शुरू होकर 21 अप्रैल तक 2011 तक चलना था, लेकिन पांच राज्यों- असम, केरल, पुडुचेरी, तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल में चुनाव के चलते सदन की कार्यवाही को 25 मार्च 2011 को ही स्थगित कर दिया गया था.’ इसके अलावा 2008 में भी कुछ राज्यों में विधानसभा चुनावों को देखते हुए संसद की कार्यवाही को स्थगित किया गया था.
बजट सत्र का समय घटाने की मांग में सभी शामिल
संसद के अधिकारियों के मुताबिक, सिर्फ टीएमसी ने नहीं, बल्कि बीजेपी, कांग्रेस, डीएमके, वाम दल, एजीपी, एआईएडीएमके और अन्य क्षेत्रीय दलों के सांसदों ने भी संसद के बजट सत्र का समय घटाने की मांग की है. इन सभी दलों ने विधानसभा चुनावों में व्यस्तता को वजह बताया है.
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