राज्य सभा में उत्तर प्रदेश से सांसद जया बच्चन (Jaya Bachchan) ने मंगलवार को मैन्युअल स्कैवेंजर्स (manual scavengers) का मुद्दा उठाया. उन्होंने कहा कि सदन में बार-बार इस मुद्दे को उठाने के बावजूद हालात खास नहीं सुधरे हैं। सांसद जया बच्चन ने कहा, ‘आखिरी दर्ज आंकड़ा 50 मौतों का है, जो आधिकारिक आंकड़ा है. अनाधिकारिक आंकड़ा तो बहुत ज्यादा है. यह बहुत शर्मिंदगी भरा है कि आज हमें मैन्युअल स्कैवेंजर्स की मौत पर चर्चा कर रहे हैं. आखिर हम उन्हें सुरक्षा उपकरण मुहैया कराने में सक्षम क्यों नहीं हो पाए हैं और हम मैन्युअल स्कैवेंजिंग से छुटकारा क्यों नहीं पा सके हैं?’ उन्होंने आगे कहा, ‘आज चांद और मंगल, सब जगहों पर जाने की बात कर रहे हैं, लेकिन लोगों को सुरक्षा उपकरण नहीं दे पा रहे हैं.’
‘यह देश के लिए शर्मिंदगी है’
सांसद जया बच्चन ने कहा, ‘यह (मैन्युअल स्कैवेंजिंग) देश के लिए और हम सबके लिए शर्मिंदगी भरा है. मुझे याद है कि प्रोफेसर मनोज कुमार झा एक प्राइवेट मेंबर (Private Member’s Bill) बिल लाये थे, उस पर (सरकार से) कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली.’ उन्होंने आगे कहा कि रेल मंत्री यहां पर बैठे हैं, बहुत से मैन्युअल स्कैवेंजर्स रेलवे में काम कर रहे हैं, ध्यान दीजिए कि उन्हें उचित सुरक्षा उपकरण मिल सके. सांसद ने आगे कहा, ‘उनमें बहुत से लोगों के बच्चे इस काम को करने से इंकार कर रहे हैं. लेकिन आप उनका पुनर्वास कैसे करेंगे, उनके लिए कोई नौकरी नहीं है, समाज भी उनके साथ भेदभाव करता है. ये तमाम बातें हैं, जिन्हें दूर किया जाना जरूरी है.’
मैन्युअल स्कैवेंजर्स को पुनर्वास की जरूरत है
सांसद जया बच्चन ने आगे कहा, ‘हम अल्पसंख्यकों की बात करते हैं, हम एससी-एसटी की बात करते हैं. हम आरक्षण की बात करते हैं, लेकिन इन लोगों का क्या? भारत बहुत पहले आजाद हो गया था, इन लोगों को गरिमा की जरूरत है. इन्हें पुनर्वास की जरूरत है और जो लोग, खास तौर पर ठेकेदार, उन्हें सुरक्षा उपकरण मुहैया नहीं कराते हैं, उन सब को सजा देने की जरूरत है.’
सांसद जया बच्चन ने कहा कि सरकार की तरफ से इस सदन में कुछ जवाब आना चाहिए. उन्होंने कहा, ‘आप स्वच्छ भारत चला रहे हैं, यह भी स्वच्छ भारत (Swachh Bharat) का हिस्सा है. नारे मत दीजिए, काम करिए.’