सवाल-जवाब

जीडीपी में कृषि का कितना है योगदान, संसद में केंद्र सरकार ने क्या कहा

दिल्ली की सीमाओं पर और देश के अलग-अलग जगहों पर किसानों के आंदोलन को 100 से ज्यादा दिन बीत चुके हैं. लेकिन सरकार विवादित कृषि कानूनों को वापस लेने और न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की गारंटी देने का कानून बनाने के लिए खुद को तैयार नहीं कर पाई है. लेकिन उसे अर्थव्यवस्था यानी जीडीपी में कृषि के योगदान, खास तौर पर कोरोना संकट में, को स्वीकार करना पड़ा है.

जीडीपी में कृषि का कितना योगदान

राज्य सभा में सांसद संभाजी छत्रपति ने सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में कृषि के योगदान (Contribution of agriculture to GDP) को लेकर अतारांकित प्रश्न पूछा. (1) क्या राष्ट्रीय सकल घरेलू उत्पाद में कृषि क्षेत्र की हिस्सेदारी 15 प्रतिशत है और यह देश की 50 फीसदी आबादी को रोजगार मुहैया कराती है? (2) यदि हां, तो इसका ब्यौरा क्या है? (3) क्या जिन महीनों में महामारी का प्रकोप बहुत ज्यादा था, उसमें अन्य क्षेत्रों की तुलना में कृषि क्षेत्र के उत्पादन में बढ़ोतरी हुई है? (4) यदि हां तो उसका ब्यौरा क्या है और आगे जीडीपी में कृषि के योगदान की संभावना क्या है?

‘42.49 फीसदी श्रमिक कृषि क्षेत्र से जुड़े’

केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने सांसद संभाजी छत्रपति के सवालों का जवाब दिया. उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) (National Statistics Office) (NSO) द्वारा सात जनवरी 2021 को जारी राष्ट्रीय आय के पहले अग्रिम अनुमान (First Advance Estimates of National Income) के मुताबिक, 2011-12 के स्थिर मूल्यों (Constant Prices) पर 2020-21 में देश के सकल मूल्य वर्धन (Gross Value Added) (GVA) में कृषि व इसके सहायक क्षेत्रों का योगदान 16.3 फीसदी है. वहीं, जुलाई 2018-जून 2019 के दौरान सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय की ओर से जारी आवधिक श्रम बल सर्वेक्षण (Periodic Labour Force Survey)(पीएलएफएस) के अनुसार, देश में 42.49 फीसदी श्रमिक कृषि और सहायक कार्यों से जुड़े हैं.

‘सिर्फ खेती ने दर्ज की सकारात्मक वृद्धि’

केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने यह भी माना कि कोरोना संकट के दौरान जब दूसरे क्षेत्रों का प्रदर्शन शून्य से नीचे चला गया था, तब कृषि क्षेत्र ने सकारात्मक वृद्धि दर्ज की. उन्होंने कहा, ‘राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) द्वारा 31 अगस्त 2020 को जारी राष्ट्रीय आय के अनुमान के मुताबिक, वित्त वर्ष 2020-21 की पहली तिमाही (अप्रैल से जून- जब पूरे देश में लॉकडाउन लगा था) में देश के वास्तविक जीवीए में कृषि क्षेत्र का योगदान 3.4 फीसदी रहा.’ उन्होंने कहा, ‘यह (कृषि) अकेला क्षेत्र है, जिसने 2020-21 की पहली तिमाही में संपूर्ण जीवीए में सकारात्मक योगदान दिया है.’

कितना रहा कृषि उत्पादन

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साल 2020-21 के पहले अनुमान (केवल खरीफ फसल) के मुताबिक, देश में कुल अनाज उत्पादन 144.52 मिलियन टन आंका गया है. यह पिछले पांच साल के औसत उत्पादन उत्पादन से 9.83 मिलियन टन ज्यादा है.

डेस्क संसदनामा

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