वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वित्त वर्ष 2021-22 के लिए पूरी तरह डिजिटल बजट पेश किया. केंद्र सरकार ने 2019-20 का बजट डॉक्यूमेंट को बही खाता कहा था. लेकिन इस बार बही खाता को छोड़कर डिजिटल बजट को अपनाया गया है. इस तरह से पहली बार पूरी तरह से पेपरलेस बजट पेश किया जा रहा है. इसका मतलब है कि सांसदों या अन्य लोगों को बजट की छपी हुई प्रतियां नहीं मिलेंगी.
वित्त मंत्री ने क्या क्या कहा
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट भाषण की शुरुआत आत्मनिर्भर भारत पैकेज के जिक्र के साथ की है. उन्होंने कोरोना संकट के बावजूद जरूरतमंदों के लिए उठाए गए कदमों का उल्लेख किया. उन्होंने कहा कि मई 2020 में सरकार ने आत्मनिर्भर भारत पैकेज के साथ दो अन्य आत्मनिर्भर पैकेज लाए गए. वित्त मंत्री के मुताबिक इन कदमों से 27.1 लाख करोड़ रुपये (आरबीआई की पहल समेत) का वित्तीय प्रभाव (मदद और राहत के तौर पर) पड़ा. उन्होंने कहा कि सरकार ने अत्यंत गरीबों की मदद के लिए अपने संसाधनों को विस्तार दिया है, पीएम गरीब कल्याण योजना, तीन आत्मनिर्भर भारत पैकेज और उसके बात की घोषणाएं अपने आप में पांच मिनी बजट के बराबर हैं. वित्त मंत्री ने स्वास्थ्य, मानव पूंजी, नवाचार और शोध व विकास, ढांचागत सुविधाओं को बजट 2021-22 का प्रमुख स्तंभ बताया.
आत्मनिर्भर स्वस्थ भारत योजना की घोषणा
डिजिटल बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री ने पीएम आत्मनिर्भर स्वास्थ भारत योजना को लागू करने का ऐलान किया है. इसके लिए अगले छह सालों के लिए 64,180 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया जाएगा. जिससे सभी स्तरों पर स्वास्थ्य की ढांचागत सुविधाएं विकसित की जाएंगी.
कोविड वैक्सीन के लिए बड़ा बजट
बजट 2021-22 में कोविड वैक्सीन के लिए 35 हजार करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया गया है. उन्होंने कहा कि सरकार और ज्यादा फंड देने के लिए प्रतिबद्ध है, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण के लिए बजट 2021-22 में दो लाख 23 हजार 846 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है. वित्त मंत्री ने कहा कि यह 137 फीसदी का इजाफा है.
पुरानी गाड़ियां छोड़नी पड़ेगी
Advertisement. Scroll to continue reading. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पुरानी गाड़ियों को छोड़ने की स्वैच्छिक योजना की घोषणा की है. इसके तहत सभी 20 साल पुरानी गाड़ियों और 15 साल पुरानी कमर्शियल गाड़ियों को फिटनेट टेस्ट कराना होगा.
रेलवे के लिए 1.10 लाख करोड़ रुपये का बजट
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने रेलवे के लिए 1.10 लाख करोड़ रुपये के बजट प्रस्ताव का ऐलान किया है. यह पूंजीगत व्यय होगा. गौरतलब है कि अब रेलवे के लिए अलग से बजट पेश नहीं किया जाता है, बल्कि यह आम बजट का ही हिस्सा होता है. उन्होंने यह भी कहा कि रेलवे डेटीकेटेड फ्रेट कॉरिडोर की संपत्तिों का मौद्रिकीकरण करेगा, ताकि अपना संचालन और रखरखाव कर सके.
11 हजार किलोमीटर नेशनल हाईवे बनाने का लक्ष्य
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि इस साल सरकार का लक्ष्य 11 हजार किलोमीटर नेशनल हाईवे का निर्माण पूरा करना है. प्रस्तावित हाईवे में तमिलनाडु में 3500 किलोमीटर, केरल में 1100 किलोमीटर, पश्चिम बंगाल 675 किलोमीटर और असम में 1300 किलोमीटर शामिल है. उन्होंने पश्चिम बंगाल में सड़कों के विकास के लिए 95 हजार करोड़ रुपये के फंड का ऐलान किया.
पॉवर सेक्टर के लिए 3.05 लाख करोड़ रुपये
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पॉवर सेक्टर के लिए 3.05 लाख करोड़ रुपये के बजट प्रस्ताव का ऐलान किया. उन्होंने कहा कि अगले तीन सालों में 100 से ज्यादा शहरों को गैस डिस्ट्रीब्यूशन नेटवर्क के साथ जोड़ा जाएगा. वित्त मंत्री ने जम्मू-कश्मीर के लिए नई गैस पाइपलाइऩ परियोजना का ऐलान किया. उन्होंने सौर ऊर्जा कॉरपोरेशन के लिए 1000 करोड़ रुपये और अक्षय उर्जा विकास एजेंसी के लिए 1500 करोड़ रुपये के फंड का ऐलान किया.
सरकारी उपक्रमों में हिस्सा घटाएगी सरकार
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वित्त वर्ष 2021-22 में 1.75 लाख करोड़ रुपये के बराबर विनिवेश लक्ष्य रखा है. इसमें दो सरकारी बैंक और जीवन बीमा कंपनी शामिल हैं. विनिवेश का मतलब है कि इन कंपनियों में सरकार अपनी हिस्सेदारी घटाएगी. इसके लिए सरकार इनसे जुड़े कानूनों में संशोधन करेगी. वित्त मंत्री ने सरकारी बीमा कंपनी जीवन बीमा निगम लिमिटेड का आईपीओ लाने का ऐलान किया है. आईपीओ के जरिए शेयर जारी करके आम जनता से पैसा जुटाया जाता है.
इनकम टैक्स में कोई बदलाव नहीं
बढ़ती महंगाई के बीच टैक्स राहत का इंतजार कर रहे लोगों को डिजिटल बजट से निराशा हुई है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इनकम टैक्स से छूट में कोई बदलाव नहीं किया है. हालांकि, 75 साल से ज्यादा उम्र के लोगों को इनकम टैक्स रिटर्न भरने से छूट दी गई है.
किसानों के लिए भी बड़ा ऐलान नहीं
किसान आंदोलन के बीच बजट 2021-22 में किसानों के लिए सम्मान निधि को बढ़ाए जाने की कयास लगाई जा रही थी. लेकिन सरकार ने इसमें कोई बढ़ोतरी नहीं की है. हालांकि, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने गेहूं और धान की सरकारी खरीद में हुए बढ़ोतरी के आंकड़े जरूर पेश किए हैं. उन्होंने कहा कि 2013-14 में गेहूं के लिए किसानों को 33 हजार 874 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया था, जो 2019-20 62 हजार 802 करोड़ और 2020-21 में 75 हजार 60 करोड़ रुपये था.