संसदीय समाचार

संसद में पेट्रोल और डीजल की बढ़ती कीमतों पर चर्चा की मांग

संसद में बजट सत्र के दूसरे हिस्से की कार्यवाही 8 मार्च को तय समय पर शुरू हुई. विपक्षी दल कांग्रेस के सांसदों ने पेट्रोल और डीजल की बढ़ती कीमतों पर तत्काल चर्चा करने की मांग उठाई. राज्य सभा में नेता प्रतिपक्ष मलिकार्जुन खड़गे ने कहा कि पेट्रोल डीजल और एलपीजी यानी रसोई गैस का बढ़ता दाम ज्वलंत मुद्दा है, इससे आम जनता परेशान है.

नियम-267 के तहत चर्चा का नोटिस खारिज

दरअसल, मलिकार्जुन खड़गे ने नियम-267 के तहत पेट्रोल और डीजल के बढ़ते दाम पर चर्चा कराने के लिए नोटिस दिया था. इसके तहत सदन के पहले से तय विधायी कार्य को रोककर संबंधित विषय पर चर्चा कराई जाती है. हालांकि, राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू ने इस नोटिस को स्वीकार नहीं किया. उन्होंने कहा कि इस मामले को विनियोग विधेयक (Appropriation bill) पर चर्चा के दौरान उठाया जा सकता है. राज्य सभा के सभापति ने यह भी कहा कि बजट सत्र के दूसरे हिस्से में ऐसे बहुत से मौके हैं, जब इस विषय पर चर्चा की जा सकती है. हालांकि, उन्होंने नेता प्रतिपक्ष को सदन में विषय का उल्लेख करने की इजाजत दे दी.

मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, ‘यह बहुत जरूरी मुद्दा है, यह ज्वलंत विषय है, पूरे देश में लोग इसके खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं.’ उन्होंने आगे कहा कि देशभर में पेट्रोल की कीमतें 100 प्रति लीटर, जबकि डीजल की कीमतें 80 प्रति लीटर से ऊपर हो गई हैं, साथ में एलपीजी यानी रसोई गैस के दाम भी लगातार बढ़ रहे हैं. मल्लिकार्जुन खड़गे ने आगे कहा कि सरकार ने पेट्रोलियम उत्पादों पर एक्साइज ड्यूटी और सेस (उपकर) लगाकर 21 लाख करोड़ रुपए कमाए हैं. उन्होंने आगे कहा कि तेल की बढ़ती कीमतों से किसान और आमजन सभी परेशान हो रहे हैं.

‘कोई सख्त कदम नहीं उठाना चाहता’

पेट्रोल और डीजल की बढ़ती कीमतों पर चर्चा के लिए विपक्ष के सांसदों के हंगामा करने पर राज्य सभा के सभापति एम वेंकैया नायडू ने कहा, ‘मैं सदन के पहले दिन कोई सख्त कदम नहीं उठाना चाहता.’ सदन में जबरदस्त नारेबाजी के बीच राज्यसभा की कार्यवाही पहले 11:00 बजे, फिर दोपहर 1:15 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई.

लोक सभा में भी हंगामा

पेट्रोल और डीजल की बढ़ती कीमतों को लेकर लोक सभा में भी राज्य सभा जैसा ही नजारा रहा. दोपहर में जब सदन की कार्यवाही शुरू हुई, विपक्ष दल कांग्रेस के सांसदों ने इस मुद्दे पर चर्चा की मांग शुरू कर दी. इसके लिए अनुमति न मिलने पर उन्होंने नारेबाजी की. इसके बाद सदन की कार्यवाही पूरे दिन के लिए स्थगित कर दी गई.

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डेस्क संसदनामा

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