ग्लोबल जेंडर गैप इंडेक्स 2021 में भारत 28 पायदान लुढकर 156 देशों में140वें स्थान पर पहुंच गया. ग्लोबल जेंडर गैप इंडेक्स 2020 में भारत 153 देशों 112वें स्थान पर था. लेकिन इस बार भारत एशिया में तीसरा सबसे बुरा प्रदर्शन करने वाला देश बन गया है. लैंगिक असमानता दूर करने के मामले में बांग्लादेश क्षेत्र में सबसे अव्वल आया है.
संसद के बजट सत्र में राज्य सभा में सांसद जी. सी. चंद्रशेखर ने पिछले साल यानी 2020 के ग्लोबल जेंडर गैप इंडेक्स में भारत के कमजोर प्रदर्शन का सवाल पूछा था. उन्होंने जानकारी मांगी थी कि क्या सरकार को पता है कि ग्लोबल जेंडर गैप इंडेक्स (2020) में 153 देशों में भारत का स्थान बहुत नीचे आया था; (ख) यदि हां, तो इसके क्या कारण हैं; और (ग) इस असमानता को कम करने के लिए सरकार ने क्या उपाय किए हैं?
सांसद जी. सी. चंद्रशेखर के सवालों का जवाब केंद्रीय महिला और बाल विकास मंत्री स्मृति जूबिन ईरानी ने दिया. उन्होंने कहा कि वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम की ओर से प्रकाशित ग्लोबल जैंडर गैप इंडेक्स रिपोर्ट-2020 के अनुसार, भारत एक में से 0.668 अंक के साथ 153 देशों की सूची में 112वें स्थान पर आया है. उन्होंने बताया कि इस इंडेक्स को चार प्रमुख क्षेत्रों जैसे स्वास्थ्य, शिक्षा, आर्थिक भागीदारी और राजनीतिक सशक्तिकरण में जेंडर आधारित अंकों को जोड़कर बनाया जाता है.
केंद्रीय महिला और बाल विकास मंत्री स्मृति जूबिन ईरानी ने आगे कहा, ‘इंडेक्स की गणना में इस्तेमाल होने वाले सूचक और आंकड़े भारत की उपलब्धि को उचित तरीके से नहीं दर्शाते हैं. राजनीतिक सशक्तिकरण ‘संसद में महिलाएं’ और ‘मंत्री पदों पर महिलाएं’ सूचकों के आधार पर तय किया जाता है, जिसमें पंचायतों की लगभग 13 लाख निर्वाचित महिला प्रतिनिधि छूट जाती हैं.’ उन्होंने कहा कि भारत सरकार ने सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक जीवन के सभी पहलुओं में जेंडर के अंतर को कम करने के लिए कार्यक्रम और योजनाएं चला रही हैं.
केंद्रीय मंत्री ने अपने जवाब में महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए चलने वाली सभी योजनाओं का ब्यौरा दिया. इनमें बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ, किशोरी योजना, राष्ट्रीय क्रैच स्कीम, प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम, मनरेगा, पंडित दीन दयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल्य योजना, दीनदयाल अंतोदय योजना-राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन जैसी योजनाएं शामिल हैं.
केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी के जवाब से साफ है कि जेंडर गैप इंडेक्स -2020 में भारत के पिछड़ने की वजह संसद और सरकार में महिलाओँ की संख्या में आई कमी है. यह वजह 2021 के जेंडर गैप रिपोर्ट में भी हावी रही. 2014 में महिला मंत्रियों की संख्या 23.1 फीसदी थी, जो 2019 में लभभग आधी होकर 9.1 फीसदी हो गई. इसके अलावा संसद में महिलाओं की हिस्सेदारी 14.4 फीसदी पर अटकी हुई है. इस प्रमुख वजह के अलावा श्रमिक कार्यबल में महिलाओं की भागीदारी गिरने से 2021 की रिपोर्ट में भारत की स्थिति और ज्यादा कमजोर हो गई है.
QUESTION (GENDER DISPARITY IN INDIA)
MP G.C. CHANDRASHEKHAR: Will the Minister of WOMEN AND CHILD DEVELOPMENT be pleased to state:
Advertisement. Scroll to continue reading. (a) whether it is a fact that India ranked very low on the Gender Gap Index among 135 countries;
(b) if so, the reasons therefor; and (c) the measures that are being taken by Government to reduce the gap?
ANSWER
MINISTER OF WOMEN AND CHILD DEVELOPMENT, SMRITI ZUBIN IRANI said,
(a) & (b): As per the Global Gender Gap Index Report 2020 published by the World Economic Forum, India ranks 112 out of 153 countries with a score of 0.668 out of 1. The index measures gender-based gaps across four key areas, namely, health, education, economic participation and political empowerment. Indicators and data used for calculation of the index do not capture India’s achievement adequately. Political empowerment is captured by the indicators ‘Women in Parliament’ and ‘Women in Ministerial Position’ which leave out about 1.3 million women elected representatives of Panchayats.
(c): Government of India has taken several measures for improving the performance of India by implementing various schemes/programmes to reduce gender gap in all aspects of social, economic and political life. Beti Bacho Beti Padhao (BBBP) Scheme aims to arrest the declining Child Sex Ratio in the age group of 0-6 years and enabling education for the girl children.
Scheme for Adolescent Girls targets girls in the age group 11-18 to empower and improve their social status through nutrition, life skills, home skills and vocational training. Mahila Shakti Kendra empowers rural women through community participation with opportunities for skill development and employment.
National Crèche Scheme ensures that women take up gainful employment by providing a safe and secure environment to the children. Prime Minister’s Employment Generation Programme (PMEGP), Mahatma Gandhi National Rural Employment Guarantee Scheme (MGNREGA), Pt. Deen Dayal Upadhyaya Grameen Kaushalya Yojana (DDUGKY), Deendayal Antyodaya Yojana- National Urban Livelihoods Mission (DAY-NULM) are employment generation schemes for beneficiaries including women.
Kasturba Gandhi Balika Vidyalayas (KGBVs) have been opened in Educationally Backward Blocks (EBBs). To bring women in the mainstream of political leadership at the grass root level, government has reserved 33% of the seats in Panchayati Raj Institutions for women.
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