राज्य सभा

कृषि कानूनों के फायदे गिना रही केंद्र सरकार के पास किसानों की आय बढ़ने के ताजा आंकड़े क्यों नहीं है?

कृषि कानूनों को वापस लेने और न्यूनतम समर्थन मूल्य की गारंटी देने की मांग के साथ बड़ी संख्या में किसान दिल्ली की सीमाओं पर जमा हैं. केंद्र सरकार अब तक इन्हें मनाने में नाकाम रही है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और दूसरे मंत्री कृषि कानूनों को ऐतिहासिक सुधार और किसानों की आय बढ़ाने वाला बता रहे हैं. लेकिन चौंकाने वाली जानकारी है कि केंद्र सरकार के पास बीते कुछ सालों में किसानों की आय कितनी बढ़ी है, इसकी कोई जानकारी ही नहीं है.

साल दर साल किसानों की आय कितनी बढ़ी?

संसद के मानसून सत्र में राज्य सभा सांसद कपिल सिब्बल ने सरकार से पूछा था कि (1) साल 2015 से हर साल किसानों की आय किस दर से बढ़ी है? (2) सरकार जब किसानों की आय को दोगुना करने की बात करती है तो इसके लिए किसे आधार बनाती है? (3) 2024 तक लक्ष्य पाने के लिए किसानों की आय को किस रफ्तार से बढ़ाना होगा? (4) किसानों की आय दोगुना करने के लक्ष्य का समय 2022 से बढ़ाकर 2024 करने का क्या कारण है?

‘आय में वृद्धि का अनुमान नहीं है’

राज्य सभा में इसका जवाब केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने दिया. उन्होंने बताया कि 2022 तक किसानों की आय दोगुना करने के लिए गठित समिति ने 2015-16 को आधार वर्ष के तौर पर रखा है और 2012-13 के दौरान राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) द्वारा आयोजित ‘कृषि परिवारों की स्थिति आकलन सर्वेक्षण’ के नतीजों के आधार पर आधार वर्ष की आय का अनुमान किया है. इसी के साथ केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने बताया कि जो किसानों की आय के ताजा आंकड़े हैं, वह एनएसओ के 2012-13 के सर्वेक्षण पर आधारित हैं और 2015 से कृषि परिवारों की आय में वृद्धि के अनुमान उपलब्ध नहीं है.

राज्य सभा में दिया गया जवाब

गौर करने वाली बात है कि सरकार ने आधार वर्ष 2015-16 में किसानों की जिस आय को 2022 तक दोगुना करने का लक्ष्य तय किया है, वह आय अनुमानित है और 2015 के बाद किसानों की आय किस रफ्तार से बढ़ी है, इसका भी उसके पास कोई नया और ठोस आंकड़ा नहीं है. आखिर ऐसा क्यों है? क्या सरकार एक अनुमानित आय को अनुमानित रफ्तार से बढ़ाकर 2022 तक अपना लक्ष्य पूरा करना चाहती है?

2022 तक लक्ष्य पूरा होने का दावा

सांसद कपिल सिब्बल को दिए जवाब में केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने बताया कि डीएफआई समिति ने 2022 तक किसानों की आय दोगुना करने के लिए आधार वर्ष की आय को सालाना 10.4 फीसदी की दर से बढ़ाने की जरूरत बताई है. उन्होंने यह भी बताया कि लक्ष्य को पूरा करने का समय 2022 से बढ़ाकर 2024 करने का  कोई प्रस्ताव नहीं है.

आय बढ़ने पर साफ जवाब क्यों नहीं

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मॉनसून सत्र में ही राज्य सभा सासंद डॉ. अमर पटनायक ने सरकार से पूछा था कि प्रधानमंत्री किसान संपदा योजना से वित्त वर्ष 2019 और 2020 में किसानों की आय कितनी बढ़ी है? लेकिन इस पर भी सरकार साफ-साफ यह नहीं बता पाई कि इन दोनों वित्त वर्षों में किसानों की आय कितनी बढ़ी है. केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण मंत्री रामेश्वर तेली ने नाबार्ड के एक सर्वेक्षण का हवाला दिया और बताया कि फसलों के दाम में महत्वपूर्ण बढ़ोतरी का अनुमान है.

यह भी पढ़ें- केंद्र सरकार कृषि को कब राज्यों का विषय और कब अपनी पहली जिम्मेदारी बताने लगती है?

ऋषि कुमार सिंह

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