संसदीय समाचार

‘हनुमान को अगर मदद मांगनी पड़े राम से…तो फिर हनुमान काहे के और राम काहे के’: चिराग पासवान

लोक जनशक्ति पार्टी में टूट के बाद अध्यक्ष चिराग पासवान ने आज प्रेस कॉन्फ्रेंस करके अपना पक्ष रखा. उन्होंने अपने चाचा पशुपति पारस पर धोखा देने का आरोप लाया. उन्होंने कहा, ‘चाचा के साथ छोड़ने के बाद मैं आज अनाथ हुआ हूं, न कि जब पिता का निधन हुआ था.’

चिराग पासवान ने कहा, ‘दुख मुझे इस बात का है कि जब मैं बीमार था, उस समय मेरे पीठ पीछे जिस तरह से ये पूरा षड्यंत्र रचा गया. मैंने चुनाव के बाद अपने चाचा से संपर्क करने का, उनसे बात करने का निरंतर प्रयास किया.‘ अपने विरोधियों को चुनौती देते हुए चिराग पासवान ने कहा, ‘मैं रामविलास पासवान का बेटा हूं. मैं शेर का बेटा हूं.’ चिराग पासवान के चाचा और लोक सभा सांसद पशुपति चार अन्य चार सांसदों के साथ अलग गुट बना लिया है. लोक सभा अध्यक्ष ओम बिरला ने उन्हें लोक जनशक्ति पार्टी के संसदीय दल का नेता भी मान लिया है.

इस पूरे घटनाक्रम पर चिराग पासवान ने कहा, ‘मैंने चाचा से हमेशा बात करने की कोशिश की. परिवार को एकजुट रखने की कोशिश की. चाचा मुझसे कहते तो मैं ख़ुशी ख़ुशी उनको संसदीय दल का नेता बना देता. लेकिन अभी जिस तरह से उन्होंने किया है वह पार्टी संविधान के अनुरुप नहीं है.’ उन्होंने कहा कि बागी गुट के साथ कानूनी लड़ाई लड़ी जाएगी.

चिराग पासवान ने आगे कहा, ‘कुछ जगह ख़बर चल रही है कि मुझे पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के पद से हटाया जा चुका है. लोक जनशक्ति पार्टी का संविधान कहता है कि पार्टी अध्यक्ष का पद सिर्फ दो परिस्थितियों में खाली हो सकता है या तो राष्ट्रीय अध्यक्ष का निधन हो या राष्ट्रीय अध्यक्ष इस्तीफा दें.’

चिराग पासवान ने अपने चाचा और पार्टी के दूसरे सांसदों पर चुनाव में साथ न देने का भी आरोप लगाया. उन्होंने कहा, ‘नेताओं पर चुनाव में मेरी पार्टी के पूरे समर्थन के साथ मैने चुनाव लड़ा. कुछ लोग संघर्ष के रास्ते पर चलने के लिए तैयार नहीं थे. मेरे चाचा ने खुद चुनाव प्रचार में कोई भूमिका नहीं निभाई. मेरी पार्टी के कई और सांसद अपने व्यक्तिगत चुनाव में व्यस्त थे.‘

चिराग पासवान ने दूसरे दलों पर लोजपा को तोड़ने की कोशिश करने का भी आरोप लगाया. उन्होंने कहा, ‘बिहार चुनाव के दौरान, उससे पहले भी, उसके बाद भी कुछ लोगों द्वारा और खास तौर पर जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) द्वारा हमारी पार्टी को तोड़ने का प्रयास निरंतर किया जा रहा था.’

हालांकि, चिराग पासवान से जब पूछा गया कि चुनाव के दौरान आपने ख़ुद को हनुमान और देश के एक बड़े नेता को राम बताया था, तो क्या इस संकट के वक्त में राम से किसी तरह की मदद मांगेंगे? इस पर उन्होंने कहा, ‘हनुमान को अगर मदद मांगनी पड़े राम से…तो फिर हनुमान काहे के और राम काहे के!’

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चिराग पासवान ने बिहार विधानसभा चुनाव के समय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को राम बताया था. हालांकि, उनके इस नए बयान को प्रधानमंत्री और बीजेपी के साथ रिश्तों में खटास से जोड़कर देखा जा रहा है.

डेस्क संसदनामा

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