राज्य सभा

अगर जेपी आंदोलन को ये कील-कांटे और कंटीले तार झेलने पड़ते तो क्या होता?

राज्य सभा में सांसद मनोज झा ने लोकतंत्र, देशभक्ति और आंदोलन की परिभाषा समझाई. राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा में उन्होंने कहा कि सरकार सुनना भूल गई है, सिर्फ सुनाने में यकीन कर रही है. मीडिया की भूमिका पर सांसद मनोज झा ने कहा कि अगर सरकार ऐसे चौथे खंबे पर निर्भर है तो फिर इसे किसी दुश्मन की जरूरत ही नहीं है. सुनिए पंचतंत्र की कहानी से शुरू हुआ उनका पूरा भाषण…

(सौजन्य-आरएसटीवी)

डेस्क संसदनामा

संसदीय लोकतंत्र की बुनियादी बातों और विचारों का मंच

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