कोरोना संकट के बीच संसद का मानसून सत्र शुरू होने जा रहा है. गुरुवार को लोक सभा अध्यक्ष ओम बिरला ने नए सत्र को लेकर होने वाली तैयारियों की जानकारी दी. उन्होंने कहा, ‘यह सत्र ऐतिहासिक होगा, क्योंकि यह कोविड-19 महामारी के बीच में हो रहा है. हमारी कोशिश है कि सत्र को महामारी से निपटने के लिए घोषित दिशा-निर्देशों के अनुरूप चलाया जा सके और सभी संवैधानिक जिम्मदारियों को पूरा किया जा सके.’ लोक सभा अध्यक्ष ने बताया कि संसद के इतिहास में पहली बार सभी सदस्य अपने सवालों को ऑनलाइन भेजेंगे, अब तक संसद का 62 फीसदी कामकाज डिजिटाइज किया जा चुका है, जिसे अगले सत्र तक 100 फीसदी करने के लिए प्रयास जारी है.
सत्र के दौरान लोक सभा में 257 सदस्य मुख्य कक्ष में, जबकि 172 सदस्य गैलरी में बैठेंगे. इसी तरह राज्य सभा में 60 सदस्य मुख्य कक्ष में और 51 सदस्य गैलरी में बैठेंगे. लोक सभा में सीटों के बीच प्लास्टिक के पार्टीशन लगाए गए हैं, ताकि कार्यवाही के दौरान फिजिकल डिस्टेंसिंग का पालन किया जा सके. इसके अलावा मानसून सत्र में भाग लेने वाले सभी सांसदों को सत्र शुरू होने से अधिकतम 72 घंटे पहले आरटी-पीसीआर टेस्ट कराया जाएगा.
किस पार्टी के संसद सदस्य कहां पर बैठेंगे, इस सवाल पर लोक सभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा, ‘हमने इस बारे में सभी राजनीतिक दलों से बात की है. सदन में पार्टी की सदस्य संख्या के आधार पर सीटों का बंटवारा होगा. हर पार्टी का सदन में नेता तय करेगा कि कौन सदस्य कहां पर बैठेगा.’
वहीं, इस बार मानसून सत्र में प्रश्नकाल के सवाल पर उन्होंने कहा कि लिखित सवाल पूछे जा सकते हैं, उनका जवाब मिलेगा, लेकिन मौखिक सवाल नहीं पूछे जा सकते हैं, इसलिए इस बार प्रश्नकाल नहीं होगा, सरकार ने भी यही अनुरोध किया है. लोक सभा अध्यक्ष ने बताया कि इस बार शून्य काल भी आधे घंटे का ही होगा.
संसद का मानसून सत्र 14 सितंबर को शुरू होगा और 1 अक्टूबर तक चलेगा.