आयकर विभाग के नए पोर्टल में तकनीकी खामियों को लेकर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और सांसद शशि थरूर ने केंद्र सरकार पर तीखा हमला बोला है. मंगलवार को उन्होंने कहा कि 4,200 करोड़ रुपये खर्च करने के बावजूद सरकार नए आयकर पोर्टल के जरिए उपयोगकर्ताओं को सुविधाजनक, आधुनिक और बाधारहित अनुभव देने में विफल रही है, बल्कि इसके ‘अव्यवस्था’ अलग से पैदा कर दी है.
लोकसभा सदस्य थरूर ने सरकार से तीन सवाल भी पूछे हैं. पहला सवाल, जब पुराना पोर्टल अच्छी तरह से चल रहा था, तो फिर नया पोर्टल बनाने की क्या जरूरत आ गई? दूसरा सवाल, पीक टाइम में पोर्टल को क्यों बदला गया, जब ज्यादातर आयकर दाता रिटर्न जमा करते हैं और रिफंड का दावा करते हैं? तीसरा सवाल, पोर्टल को लॉन्च करने से पहले उसकी जांच क्यों नहीं की गई थी?
शशि थरूर ने यह भी लिखा कि कांग्रेस से जुड़ी ‘अखिल भारतीय प्रोफेशनल कांग्रेस’ के चार्टर्ड अकाउंटेंट ने उन्हें बताया कि आयकर पोर्टल में बदलाव विनाशकारी है, इसमें कई खामियां पैदा हो गई हैं और लॉग-इन होने में भी सामान्य से ज्यादा समय लगता है. उन्होंने यह भी लिखा कि नए पोर्टल के लगभग सभी फीचर्स काम नहीं कर रहे हैं, जिससे आईटीआर दाखिल करने में, विदेशी प्राप्तियों वाले 15 सीए तथा 15 सीबी फार्म भरने में, अपीलों के लिए आंकड़े तैयार करने में समस्या आती है.
सांसद शशि थरूर ने आगे कहा, ‘‘यह भी साफ नहीं हैं कि सरकार ने जून महीने में आयकर पोर्टल में बदलाव क्यों किया? बेहतर यह होता कि पिछले वित्त वर्ष के आखिर में या फिर नये वित्त वर्ष की शुरुआत में इसमें बदलाव किया जाता, ताकि आयकर रिफंड के हकदार करदाताओं को इस मुश्किल समय में मदद मिल जाती.’’
Advertisement. Scroll to continue reading. कांग्रेस नेता शशि थरूर ने दावा किया कि यह उसी अफरा-तफरी वाली स्थिति का दोहराव है जो जीएसटी पोर्टल की शुरुआत के समय देखने को मिली थी. उन्होंने कहा कि देश के इतिहास में शायद यह पहली बार है कि भारतीय करदाता कर अदा करना चाहते हैं, लेकिन वे इसलिए ऐसा नहीं कर पा रहे हैं, क्योंकि पोर्टल काम नहीं कर रहा है.
सांसद थरूर ने केंद्र सरकार पर उस वक्त निशाना साधा है, जब एक दिन पहले ही आयकर विभाग ने विदेशों से प्रेषित धन के मामले में हाथ से भरी जाने वाली विवरणिका को पेश करने की समय सीमा को 15 जुलाई तक के लिए बढ़ा दिया है.
गौरतलब है कि आयकर विभाग के नए पोर्टल की शुरुआत सात जून को की गई थी, जिसके बाद यूजर्स ने इसमें तकनीकी समस्याओं को लेकर शिकायत की थी. इसके बाद विभाग ने विदेशी प्राप्तियों के संबंध में भरे जाने वाले फार्म 15सीए..15सीबी को बैंकों में 30 जून तक भरने की छूट दे दी थी.
नए आयकर पोर्टल को इन्फोसिस ने तैयार किया है. पहले ही दिन समस्याएं आने पर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इन्फोसिस से खामियों को प्राथमिकता के आधार पर दूर करने के लिए कहा था. वित्त मंत्री ने इस सिलसिले में 15 जून को इन्फोसिस के शीर्ष अधिकारियों के साथ एक बैठक भी की थी. अधिकारियों का कहना था कि तकनीकी खामियों को दूर करने के लिए प्रयास जारी हैं.
आयकर दाताओं के लिए एक अधिक अनुकूल, आधुनिक और सहज पोर्टल बनाने के लिए 2019 में इन्फोसिस को ठेका दिया गया था. इस पोर्टल को ऐसे बनाया जाता था, जिससे आयकर दाखिल करने से लेकर रिफंड तक की पूरी प्रक्रिया आसान हो और इसमें कम से कम समय लगे.