राज्य सभा के 11 नवनिर्वाचित सदस्यों को 30 नवंबर कोसदस्यता की शपथ दिलाई गई. हाल ही में कर्नाटक, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में राज्य सभा का द्विवार्षिक और उपचुनाव हुए थे. सोमवार को सदस्यता की शपथ लेने वाले सांसदों में कर्नाटक से नारायण कोरागप्पा (Narayana Koragappa), उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) से बृजलाल (Brijlal), गीता (Geeta), रामजी (Ramji), हरिद्वार दुबे (Hardwar Dubey), हरदीप सिंह पुरी (Hardeep Singh Puri), नीरज शेखर, (Neeraj Shekhar), बी.एल. वर्मा (B. L. Verma) और राम गोपाल यादव (Ram Gopal Yadav) शामिल रहे. इसके अलावा उत्तराखंड से नरेश बंसल (Naresh Bansal) ने शपथ ली.
राज्य सभा के सभापति एम. वेंकैया नायडू ने राज्य सभा के सभी नवनिर्वाचित सदस्यों का स्वागत किया और उन्हें शुभकामनाएं दीं. उन्होंने सभी सदस्यों को संसद का नया सत्र शुरू होने से पहले सदन के कामकाज को जानने के लिए ‘राज्य सभा एट वर्क’, कौल और सिकदर की लिखी ‘प्रैक्टिस एंड प्रोसीजर ऑफ पार्लियामेंट’, ‘मेंबर्स हैंडबुक’ और नियमावली जैसी किताबें पढ़ने की सलाह दी. उन्होंने सद्स्यों से सदन की शालीनता, गरिमा और शिष्टाचार को बढ़ाने वाला व्यवहार करने की अपील की. राज्य सभा के सभापति वेंकैया नायडू ने कहा कि सदस्यों को तीन ‘डी’ यानी डिबेट, डिस्कस और डिसाइड पर ध्यान देना चाहिए और सदन का कार्यवाही में व्यवधान डालने से बचना चाहिए.
राज्य सभा के सभापति वेंकैया नायडू ने बताया कि कोरोना संकट के बीच यह शपथ ग्रहण इसलिए कराया गया है कि नवनिर्वाचित सदस्यों के संसदीय समितियों की कार्यवाही में शामिल होने का रास्ता साफ हो सके. इस मौके पर नेता सदन थावरचंद गहलोत, संसदीय कार्यमंत्री प्रल्हाद जोशी, संसदीय कार्य राज्यमंत्री वी मुरलीधरन और अर्जुन राम मेघवाल के साथ-साथ केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक मौजूद रहे.
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