संसद सत्र से पहले सर्वदलीय बैठक करने की परंपरा दो दशक में पहली बार टूट गई. कोरोना संकट को देखते हुए इस बार 14 सितंबर से शुरू हो रहे मानसून सत्र के पहले सर्वदलीय बैठक नहीं बुलाई गई. हालांकि, लोक सभा अध्यक्ष ओम बिरला ने मानसून सत्र के एजेंडे पर चर्चा करने के लिए 13 सितंबर को लोक सभा की बिजनेस एडवाइजरी कमेटी की बैठक बुलाई. इसमें संसदीय कार्यमंत्री प्रहलाद जोशी, बीजेपी सांसद अर्जुन राम मेघवाल, कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी और एआईएमआईएम के सांसद असदुद्दीन ओवैसी के अलावा अन्य सदस्य शामिल हुए.
बिजनेस एडवाइजरी कमेटी की बैठक के बाद लोक सभा अध्यक्ष ओम बिरला ने मानसून सत्र की कार्यवाही में सभी सांसदों के भाग लेने की उम्मीद जताई. उन्होंने कहा, ‘सभी पार्टियों के नेताओं ने इस संकट की घड़ी में भी अपने संवैधानिक कर्तव्यों और जिम्मेदारी निभाने की प्रतिज्ञा की है. मुझे उम्मीद है कि इस मुश्किल वक्त में भी सभी सांसद उपस्थित रहेंगे और सार्थक चर्चा में हिस्सा लेंगे.’
लोक सभा अध्यक्ष ने बताया कि सदन की कार्यवाही को कोरोना संक्रमण से सुरक्षित बनाने के लिए संसद परिसर में जांच का इंतजाम किया गया है जो सत्र चलने के दौरान पूरे 18 दिन बना रहेगा. उन्होंने सांसदों से इस मामले में सहयोग करने की अपील की. आपको बता दें कि सांसदों के लिए सदन की कार्यवाही में शामिल होने से अधिकतम तीन दिन पहले कोरोना टेस्ट कराना अनिवार्य है.
संसद सत्र को लेकर संसदीय कार्यमंत्री प्रल्हाद जोशी ने ट्विटर पर लिखा कि 14 सितंबर से 17वीं लोक सभा का चौथा सत्र शुरू होगा, जबकि राज्य सभा का यह 252वां सत्र होगा. उन्होंने आगे लिखा कि कोरोना संकट की वजह से रोजाना चार बैठकें होंगी. वहीं, संसद में कोरोना संक्रमण रोकने की तैयारियों के बारे में उन्होंने लिखा, ‘हम कोविड-19 संकट के बीच संसद के मानसून सत्र को सुरक्षित रूप से चलाने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं. संसद सदस्यों के लिए सोशल डिस्टेंसिंग की शर्तों के साथ सभी तरह के इंतजाम किए गए हैं.’
अपने इस ट्वीट के साथ उन्होंने एक पोस्टर भी शेयर किया है. इसमें 14 सितंबर से 1 अक्टूबर तक सत्र चलने, कोविड-19 महामारी के बीच पहला संसद सत्र होने, कोविड-19 गाइडलाइंस के आधार पर सुरक्षा उपाय किए जाने, सांसदों के चेंबर और गैलरी को मिलाकर अलग-अलग बैठने, सांसदों की हाजिरी के लिए मोबाइल एप का इस्तेमाल किए जाने और सांसदों के बैठने की जगह को पॉलीकार्बन शीट्स से अलग करने की जानकारी दी गई है.
मानसून सत्र के दौरान कैंटीन में सांसदों को पैक्ड खाना दिया जाएगा. कैंटीन में कई तरह के पैक्ड ब्रेकफास्ट मौजूद रहेंगे. इसके अलावा शाकाहारी, दक्षिण भारतीय, मांसाहारी और कॉम्बो मील के रूप में चार तरह के पैक्ड लंच का भी इंतजाम रहेगा.