[मानसून सत्र | राज्य सभा | अतारांकित प्रश्न : 379 | 16 सितंबर, 2020]
चीन की ओर से लद्दाख सीमा पर घुसपैठ की लगातार कोशिशें किए जाने की खबरों के बीच सरकार ने चौंकाने वाला दावा किया है. बुधवार को गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय ने राज्य सभा को बताया, ‘पिछले छह महीनों के दौरान भारत-चीन सीमा पर घुसपैठ का एक भी मामला सामने नहीं आया है.’ (No infiltration has been reported along Indo-China border during last
six months.) इसके साथ उन्होंने सदन को जानकारी दी कि इस दौरान पाकिस्तान सीमा पर 47 बार घुसपैठ की कोशिश हुई है.
बीजेपी के राज्य सभा सांसद अनिल अग्रवाल ने अतारांकित प्रश्न के जरिए सरकार से घुसपैठ की घटनाओं पर जानकारी मांगी थी. उन्होंने पूछा था कि क्या यह सही है कि बीते छह महीने में चीन और पाकिस्तान सीमा पर घुसपैठ में इजाफा हुआ है? सांसद अनिल अग्रवाल ने यह भी पूछा कि सरकार पाकिस्तान और चीन सीमा पर घुसपैठ की समस्या से निपटने के लिए क्या कदम उठा रही है?
सांसद अनिल अग्रवाल के दूसरे सवाल के जवाब में गृह मंत्रालय ने कहा कि सरकार ने सीमा-पार घुसपैठ को रोकने के लिए एक बहु-आयामी नजरिया अपनाया है. इसमें नियंत्रण रेखा पर बहुस्तरीय तैनाती, खुफिया और ऑपरेशनल तालमेल बढ़ाने, सीमा पर तारबंदी करने और घुसपैठियों के खिलाफ कार्रवाई करने जैसे कदम शामिल हैं.
मंगलवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (एलएसी) पर चीन के साथ जारी तनाव पर लोक सभा को जानकारी दी थी. उन्होंने बताया था, ‘ मौजूदा हालात के मुताबिक, चीन ने एलएसी और अरुणाचल से लगे अंदरुनी इलाकों में बड़ी संख्या में सैनिकों और गोला-बारूद को जमा किया है.’ रक्षा मंत्री ने यह भी कहा था, ‘पूर्वी लद्दाख के गोगरा, कोंगका ला, पैंगॉन्ग लेक के उत्तरी और दक्षिणी किनारे पर गतिरोध वाले कई इलाके हैं.’ उन्होंने यह भी बताया था कि देश की सेना किसी भी स्थिति का सामना करने के लिए तैयार है.
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के इस बयान के बाद विपक्ष ने पीएम नरेंद्र मोदी पर देश को गुमराह करने का आरोप लगाया. कांग्रेस नेता और लोक सभा सांसद राहुल गांधी ने ट्विटर पर लिखा, ‘रक्षामंत्री के बयान से साफ़ है कि मोदी जी ने देश को चीनी अतिक्रमण पर गुमराह किया। हमारा देश हमेशा से भारतीय सेना के साथ खड़ा था, है और रहेगा। लेकिन मोदी जी, आप कब चीन के ख़िलाफ़ खड़े होंगे? चीन से हमारे देश की ज़मीन कब वापस लेंगे? चीन का नाम लेने से डरो मत।’
चीन के साथ सीमा पर गतिरोध बीते चार महीने से जारी है. लद्दाख की गलवान घाटी में 15 जून को चीनी सैनिकों के साथ हिंसक झड़प में 20 भारतीय सैनिक शहीद हो गए थे. इस बीच चीन की तरफ से 29-30 अगस्त की रात को पैंगॉन्ग लेक के दक्षिण किनारे पर उकसावे की कार्रवाई किए जाने का मामला सामने आया था, जिसे भारतीय सेना ने विफल कर दिया था.
Advertisement. Scroll to continue reading.