राज्य सभा की कार्यवाही कल यानी गुरुवार सुबह 9 बजे तक के लिए स्थगित हो गई है. विपक्ष के सांसदों ने चर्चा के लिए कम समय दिए जाने की शिकायत करते हुए हंगामा किया. इस पर उपसभापति हरिवंश ने सांसदों को शांत कराने की कोशिश की. उन्होंने कहा कि अगर आप बहस करेंगे तो और ज्यादा समय खराब होगा. हालांकि, हंगामा जारी रहने पर उन्होंने सदन की कार्यवाही गुरुवार सुबह तक के लिए स्थगित कर दी.
इससे पहले कोविड-19 महामारी (COVID-19) और इसके रोकने के लिए सरकार की ओर से उठाए गए कदमों पर सदन में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन के बयान पर चर्चा हुई. इसमें हिस्सा लेते हुए कांग्रेस सांसद आनंद शर्मा ने कोरोना संकट से निपटने की सरकार की रणनीति पर सवाल उठाया. उन्होंने कहा, ‘कल (15 सितंबर को) स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि इस फैसले (लॉकडाउन) से 14 से 29 लाख कोरोना मामलों और इससे होने वाली 37-78 हजार मौतों को रोकने में मदद मिली. सदन को इस बारे में निश्चित तौर पर बताना चाहिए कि किस वैज्ञानिक आधार पर आप इस नतीजे पर पहुंचे हैं?’
‘सदन को इस बारे में निश्चित तौर पर बताना चाहिए कि किस वैज्ञानिक आधार पर आप इस नतीजे पर पहुंचे हैं?’-आनंद शर्मा
वहीं, कांग्रेस के राज्यसभा सांसद केसी वेणुगोपाल ने चीन की ओर से 10 हजार से ज्यादा भारतीयों की कथित जासूसी का मुद्दा उठाया. उन्होंने सदन में इस पर चर्चा करने के लिए जीरो ऑवर नोटिस (Zero Hour notice) भी दिया. सांसद वेणुगोपाल ने यह भी कहा ‘मीडिया में आई खबरों के मुताबिक, चीन की सरकार से जुड़ी शिंजेन की एक टेक कंपनी अपने वैश्विक डेटाबेस में 10 हजार से ज्यादा भारतीयों की निगरानी कर रही है. मैं सरकार से जानना चाहता हूं कि क्या उसने इस दिशा में कोई ध्यान दिया है. अगर हां, तो क्या कार्रवाई की गई है?’
शिवसेना के राज्य सभा सांसद संजय राऊत ने जेएनपीटी (Jawaharlal Nehru Port Trust) पोर्ट के प्रस्तावित निजीकरण और इससे जुड़े राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दे पर चर्चा कराने के लिए जीरो ऑवर नोटिस दिया. वहीं, आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह ने भी सांसद के रूप में अपने कर्तव्यों का पालन करने से रोके जाने के मुद्दे पर चर्चा के लिए जीरो ऑवर नोटिस दिया.
बुधवार को कार्यवाही स्थगित होने से पहले राज्य सभा ने आयुर्वेद शिक्षण और अनुसंधान संस्थान विधेयक – 2020 (Institute of Teaching and Research in Ayurveda Bill-2020) पास कर दिया. इस पर हुई चर्चा के दौरान आरजेडी सांसद मनोज झा ने कहा, ‘कोरोनाकाल में जून के महीने में एक क्षण ऐसा आया, जब एक महापुरुष ने कहा कि उन्होंने कोरोना की दवाई बना ली है, उनका कोई नुकसान नहीं हुआ, उनकी दवाइयां बिक गईं, कोरोना काल में किस तरह से आयुर्वेद का गलत इस्तेमाल किया गया है, हमें इसका ध्यान रखना चाहिए.’