पश्चिम बंगाल से लेकर केरल तक विधानसभा चुनाव की सरगर्मी है. नेता एक-दूसरे पर तीखे आरोप लगा रहे हैं. लेकिन इस समय ब्लड प्रेशर (बीपी) नापने की मशीन बिहार विधानसभा में दिखाई दे रही है. मंगलवार को यहां पर आरेजीडी विधायक डॉ. मुकेश रौशन बीपी जांचने की मशीन लेकर विधानसभा पहुंचे. इसकी वजह पूछने पर उन्होंने कहा, ‘माननीय मुख्यमंत्री जी का बीपी लगातार बढ़ा हुआ है. कल विधायक सुबोध कुमार पर गुस्साए हुए थे, कभी पत्रकार बंधुओं पर गुस्सा हो जाते हैं.’
‘हमारे चाचा नाराज हो जाते हैं’
पेशे से डॉक्टर विधायक डॉ. मुकेश रौशन ने कहा, ‘जब भी कोई बिहार का आईना दिखाने का काम करता है तो हमारे चाचा (नीतीश कुमार) नाराज हो जाते हैं. इसीलिए हम लोग बीपी मशीन लाए हैं. उनका बीपी कंट्रोल में रहे और वे स्वस्थ रहें. हम लोग कामना करते हैं, क्योंकि वे हम लोगों के अभिभावक हैं.’ उन्होंने आगे कहा, ‘जब से वे 43 सीट पर (विधानसभा चुनाव) आकर सिमट गए हैं, तब से उनका गुस्सा चरम पर रहता है. इसलिए हम लोग चाहते हैं कि उनका बीपी कंट्रोल में रहे.’ उन्होंने कहा कि वे मुख्यमंत्री की अनुमति से उनकी बीपी की जांच करेंगे.
क्यों आया सीएम नीतीश कुमार को गुस्सा
दरअसल, सोमवार को विधान परिषद में पूरक प्रश्न पूछने को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार विधान परिषद सदस्य सुबोध कुमार पर नाराज हो गए थे. मुख्यमंत्री का कहना था कि पहले पूरक पूछे जाए, और जब मंत्री उसका जवाब दे दें, तब सदस्य को सभापति की अनुमति से (अगर कोई है तो) प्रतिपूरक प्रश्न पूछना चाहिए. लेकिन सदस्य सुबोध कुमार का कहना था कि सदन में सदस्य सारे पूरक प्रश्नों को एक साथ पूछते हैं, यही चला आ रहा है, इसलिए उन्होंने अपने सारे प्रश्नों को एक साथ पूछ लिया.
विधान परिषद सदस्य सुबोध कुमार को नसीहत देते समय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का लहजा सख्त था. सुबोध राय के बीच में बोलने पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि पहले नियम जान लो, बीच में यूं ही नहीं बोलना चाहिए, बैठ जाइए. उन्होंने साथ में बैठे एक वरिष्ठ सदस्य से यह भी कहा कि आप लोग नए सदस्यों को नियमों के बारे में बताते क्यों नहीं हैं?