सवाल-जवाब

LIC किस्त जमा न करने वालों को राहत देने का सवाल कैसे राजीव गांधी फाउंडेशन तक पहुंच गया?

सोमवार को लोक सभा में प्रश्न काल के दौरान राजीव गांधी फाउंडेशन को लेकर पक्ष और विपक्ष के बीच तीखी बयानबाजी देखने को मिली. पंजाब के लुधियाना से कांग्रेस सांसद रवनीत सिंह ने कोरोना काल में भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) की किस्त न जमा कर पाने वालों को छूट देने की योजना का सवाल पूछा. उन्होंने कहा, ‘कई कारण हैं, इसके चलते लोग पेमेंट्स नहीं कर पाए हैं. बहुत लोगों की जो किस्ते हैं, वे इस दौरान टूटी हैं, क्योंकि कोई कमाई नहीं थी, पैसा नहीं था। क्या आप उनके लिए दोबारा छूट देने के लिए सोच रहे हैं? क्या आप केवल यह सोच रहे हैं कि सबका पैसा उसी में (पीएम केयर्स फंड) ही जाए, बाकी किसी को न मिले?’

इससे पहले सांसद रवनीत सिंह ने यह भी सवाल किया था कि एलआईसी ने अपना पैसा दूसरी जगह न लगाकर सिर्फ पीएम केयर्स फंड में ही डाल दिया, इसका कारण क्या है और क्या सरकार गरीबों के लिए स्पेशल इंश्योरेंस स्कीम लाएगी, क्योंकि उनके ऊपर बहुत बड़ी मार पड़ी है?

महामारी के समय सरकार ने सबकी मदद की

सांसद रवनीत सिंह के सवालों का जवाब वित्त राज्य मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर ने दिया. उन्होंने कहा कि महामारी के समय निश्चित तौर पर देश के प्रवासी मजदूरों को दिक्कत आई और उनको वापस जाना पड़ा, लेकिन, उस समय भी प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के माध्यम से देश के 80 करोड़ लोगों को आठ महीने तक पांच किलो गेहूं, चावल, दाल और चना मुफ्त में देने का काम नरेंद्र मोदी जी की सरकार ने किया है.

विपक्ष की ओर से आपत्ति किए जाने पर उन्होंने कहा कि सवाल मजदूर से शुरू हुआ है तो जवाब वहीं से शुरू होगा. वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर ने आगे कहा, ‘जो गरीब महिलाएं हैं, प्रधानमंत्री जनधन खाता जिनका खुला था, अगर 20 करोड़ महिलाओं के खाते में 31 हजार करोड़ रुपये नकद भी जमा कराया तो नरेंद्र मोदी जी की सरकार ने कराया. तीन करोड़ वृद्ध, विधवा और दिव्यांगों के खाते में 3,000 करोड़ रुपये देने का प्रावधान हमने सीधे किया.’

लोगों को छूट देने पर एलआईसी फैसला करेगी

सांसद रवनीत सिंह के सवाल पर लौटते हुए वित्त मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा, ‘एलआईसी के बारे में अगर वह कहते हैं कि किसी की किस्त टूट गई, एलआईसी उस पर भी निर्णय करती है। ऐसी आपदा के समय में जब कोई बैंक की किस्त भी वापस नहीं कर सकता था, उस समय भी छह महीने का मोरेटोरियम पीरियड (भुगतान से छूट की अवधि) दिया तो नरेंद्र मोदी जी की सरकार ने ही दिया। अगर एलआईसी को भी इस विषय में कोई और निर्णय करना होगा तो वह कर सकती है.’

‘केवल अपने परिवार के खाते भरने का काम किया’

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एलआईसी की ओर से पीएम केयर्स फंड में पैसा देने के सवाल पर वित्त मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा, ‘देश में ऐसे बहुत उदाहरण आएं, कहीं पर किसी ने अपनी पूरी पेंशन की कमाई दी. यहां तक कि अगर लोग मनरेगा में दिहाड़ी लगाते थे तो उस मनरेगा की दिहाड़ी का पैसा भी लोगों ने पीएम केयर्स फंड में दिया, क्योंकि उन्होंने सेवा भाव के माध्यम से पैसा दिया, ताकि दूसरे को मदद मिल सके.’ उन्होंने आगे कहा, ‘ऐसे सैकड़ों उदाहरण देखने को मिले हैं. लेकिन एक परिवार इस देश में ऐसा भी है, जिन्होंने राजीव गांधी फाउण्डेशन बनाकर केवल अपने परिवार के खाते भरने का काम किया.’ इस पर विपक्षी सांसदों ने विरोध जताना शुरू कर दिया.

‘अब इनका खाता बंद हो चुका है’

हालांकि, वित्त राज्य मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर ने अपनी बात जारी रखी. उन्होंने यह भी कहा, ‘इसी सदन में इस विषय पर चर्चा हुई थी कि राजीव गांधी फाउण्डेशन के माध्यम से इन लोगों ने प्रधानमंत्री नेशनल रिलीफ फंड को भी प्राथमिकता नहीं दी। वषों तक राजीव गांधी फाउण्डेशन को भरने का काम किया तो इस पार्टी ने किया.’ वित्त मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि इनको (कांग्रेस को) इसलिए चुभता है, क्योंकि अब इनका खाता बंद हो चुका है. वित्त मंत्री के इस बयान पर कांग्रेस सांसदों ने तीखा विरोध किया.

क्या है मामला

गौरतलब है कि राजीव गांधी फाउंडेशन का मुद्दा बीते साल उस समय उछला था, जब गलवान घाटी में चीन की सेना के साथ टकराव चरम पर था. चीनी सेना से इसी टकराव में 20 भारतीय सैनिकों को अपनी जान गंवानी पड़ी थी. तभी सरकार को घेर रही कांग्रेस पर सत्ता पक्ष ने राजीव गांधी फाउंडेशन के बहाने हमला किया था. इसमें चीनी दूतावास से राजीव गांधी फाउंडेशन को मिले कथित डोनेशन को आधार बनाया गया था.

तब 8 जुलाई, 2020 को गृह मंत्रालय ने राजीव गांधी फाउंडेशन, राजीव गांधी चेरिटेबल ट्रस्ट और इंदिरा गांधी मेमोरियल ट्रस्ट की फंडिंग के लिए मिली अनुमति की जांच करने के लिए एक जीओएम का गठन किया गया था, जिसकी रिपोर्ट अब तक नहीं आई है. हालांकि, तब इस मुद्दे को उठाने के समय और तरीके पर सवाल उठे थे. कहा गया था कि सरकार ने चीन के साथ सीमा पर टकराव और सैनिकों की शहादत से लोगों का ध्यान भटकाने के लिए राजीव गांधी फाउंडेशन के मुद्दे को हवा दी है.

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डेस्क संसदनामा

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