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सांसदों को ये चार तरह के सवाल पूछने का हक है?

संसद के दोनों सदनों यानी लोक सभा और राज्य सभा के सदस्यों को चार तरह के सवाल पूछने का अधिकार मिला हुआ है. इसके जरिए सांसद अपने निवार्चत क्षेत्र और समाज से जुड़े मुद्दों पर सरकार से जवाब मांगते हैं.

तारांकित प्रश्‍न (starred Questions) : इसके जरिए सांसद अपने सदन में संबंधित विषय पर सरकार से मौखिक सवाल पूछने का अधिकार है. ऐसे सवालों की पहचान के लिए इन पर तारांक बनाया जाता है. इसी वजह से इसे तारांकित प्रश्न कहते हैं. ऐसे प्रश्‍न का उत्तर मौखिक होता है, इसलिए संसद इस पर अनुपूरक प्रश्‍न (supplementary question) पूछ सकते हैं. इसके लिए सांसदों को कम से कम 15 दिन पहले नोटिस देना होता है.

अतारांकित प्रश्‍न (Unstarred Questions) : इसके जरिए सांसद सदन में सरकार से लिखित जवाब की मांग करने वाले सवाल पूछने का अधिकार है. इसमें सांसदों को अनुपूरक प्रश्न (supplementary questions) पूछने का मौका नहीं होता है. इसके लिए भी सांसदों को 15 दिन पहले नोटिस देना होता है.

अल्प सूचना प्रश्‍न (Short Notice Questions): इसके जरिए सांसदों को सरकार से जनता से जुड़े अतिमहत्वपूर्ण विषय पर सवाल पूछने का अधिकार मिला है. यह तारांकित प्रश्‍न की तरह होता है, लेकिन इसके लिए पहले से नोटिस देना जरूरी नहीं होता है. सरकार की तरफ से इसका मौखिक जवाब दिया जाता है. इसमें सांसद अनुपूरक प्रश्‍न पूछ सकते हैं.

गैर सरकारी सदस्‍य से प्रश्‍न (Questions to Private Members): इसके जरिए उन गैर-सरकारी सदस्यों से सवाल पूछे जाते हैं, जिनका कोई विधेयक, प्रस्ताव या ऐसा ही कोई अन्य मामला सदन की कार्यवाही में शामिल होता है. इसमें भी लगभग-लगभग वही प्रक्रिया अपनाई जाती है, जो किसी मंत्री से सवाल पूछने के लिए अपनायी जाती है.

डेस्क संसदनामा

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