पश्चिम बंगाल में चौथे चरण के मतदान के दौरान कूचबिहार जिले में केंद्रीय बलों की फायरिंग में चार लोगों की मौत हो गई है. समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, शनिवार को स्थानीय लोगों से घिरने के बाद सीआईएसएफ ने गोलियां चलाई, जिसमें चार लोगों की मौत हो गई. इस घटना के बाद चुनाव आयोग ने वोटिंग रोक दी है.
रिपोर्ट के मुताबिक, एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि यह घटना सीतलकूची में हुई जहां चौथे चरण में मतदान चल रहा था. उन्होंने बताया कि एक गांव में अपने ऊपर हमला होने के बाद सीआईएसएफ जवानों ने गोली चलाई, जिसमें चार लोग मारे गए. पुलिस अधिकारी ने आगे कहा, ‘हमारी जानकारी में उन्होंने आत्म रक्षा में गोलियां चलाई हैं.’ निर्वाचन अधिकारियों ने इस घटना पर जिले के अधिकारियों से रिपोर्ट मांगी है. प्रदेश की सत्ताधारी पार्टी टीएमसी ने गोलीबारी में मारे गए चार लोगों को अपना कार्यकर्ता बताया है.
रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से बताया गया है कि सीतलकूची के माथाभंगा इलाके में मतदान के दौरान टीएमसी और भाजपा कार्यकर्ताओं के बीच टकराव शुरू हो गया. इन्हीं में से कुछ लोगों ने एक मतदान केंद्र के बाहर सीआईएसएफ जवानों का घेराव कर दिया और उनकी राइफलें छीनने की कोशिश कीं, जिसके बाद यह घटना हुई.
भाजपा के कूचबिहार से सांसद नितिश प्रमाणिक ने टीएसमी समर्थकों पर बूथ पर हमला करने का आरोप लगाया है. वहीं, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की है. पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, उन्होंने सीआईएसएफ पर सीतलकूची में पंक्तिबद्ध खड़े मतदाताओं पर गोलियां चलाने का आरोप लगाया है.
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने दावा किया कि केंद्रीय बलों के ‘अत्याचार’ को देखकर उन्हें काफी समय से ऐसा कुछ होने की आशंका थी. उन्होंने कहा, ‘इतने लोगों को मारने के बाद वे (निर्वाचन आयोग) कह रहे हैं कि आत्मरक्षा में गोलीबारी की गई. उन्हें शर्म आनी चाहिए. यह एक झूठ है.’ उन्होंने कहा कि अब तक 17-18 लोग मारे जा चुके हैं, जिनमें कम से कम 12 लोग टीएमसी के कार्यकर्ता है.
इस घटना से पहले सुबह सीतलकूची निर्वाचन क्षेत्र में ही एक मतदान केंद्र के बाहर अज्ञात लोगों ने पहली बार वोट डालने आए एक युवक की गोली मारकर हत्या कर दी थी.
सीपीआई(एम) नेता सीताराम येचुरी ने पुलिस फायरिंग की निंदा करते हुए मामले की जांच कराने की मांग की है. उन्होंने ट्विटर पर लिखा कि चुनाव आयोग को तत्काल इसकी उच्चस्तरीय जांच करानी चाहिए और दोषियों को सख्त सजा देनी चाहिए.
Advertisement. Scroll to continue reading.