बिहार में वोटों की गिनती जारी है. अब तक के रुझानों में बीजेपी की अगुवाई वाले एनडीए को साफ बहुमत मिलता दिखाई दे रहा है. लेकिन महागठबंधन के नेता वोटों की गिनती आगे बढ़ने पर बड़े उलटफेर की उम्मीद जता रहे हैं. इसकी वजह वोटों की गिनती का सुस्त होना है. चुनाव आयोग ने भी शाम तक मतगणना जारी रहने की बात कही है. उसके मुताबिक, इस बार 4.1 करोड़ मतदाताओं ने वोट डाले थे, जिनमें अब तक 92 लाख वोटों की ही गिनती हो पाई है. बिहार के मुख्य चुनाव आयुक्त ने बताया कि जहां सामान्य तौर पर 25-26 राउंड में गितनी पूरी हो जाती थी, लेकिन इस बार यह 35 राउंड तक जा सकती है. अंग्रेजी अखबार द इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, दोपहर तक सिर्फ 10 फीसदी वोटों की ही गिनती हो पाई है. हालांकि, चुनाव आयोग का कहना है कि अब तक एक करोड़ से कुछ ज्यादा वोटों की गिनती हो पाई है. यानी अभी तीन चौथाई मतगणना बाकी है.
इसकी वजह मतदान केंद्रों और वोटिंग मशीन की संख्या सामान्य से ज्यादा होना है. इस बार चुनाव आयोग ने कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए मतदान केंद्रों की संख्या बढ़ा दी थी. पूरे राज्य में 1000-1500 मतदाताओं पर एक पोलिंग बूथ बनाए थे. इससे मतगणना बहुत धीमी रफ्तार से आगे बढ़ रही है. ईवीएम की संख्या अधिक होने की वजह से इस बार मतगणना 30-35 राउंड तक पहुंचने की उम्मीद जताई जा रही है. इसी आधार पर महागठबंधन के नेता उन 70 सीटों पर अपनी वापसी की बात कर रहे हैं, जिन पर उनके उम्मीदवार बहुत कम अंतर से पीछे चल रहे हैं.
फिलहाल 1 बजे तक की मतगणना से सामने आए रुझानों में बीजेपी 72, आरजेडी 65, जदयू 50, कांग्रेस 20, सभी वामदल 19, विकासशील इंसान पार्टी छह, एआईएमआईएम तीन, लोक जनशक्ति पार्टी एक, बीएसपी दो, हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा एक और निर्दलीय चार सीटों पर आगे चल रहे हैं. मतगणना में 23 फीसदी वोटों के साथ आरजेडी, जबकि 19.7 फीसदी वोट लेकर बीजेपी दूसरे स्थान पर है.
बिहार विधानसभा चुनाव में इस बार वाम दलों ने जबरदस्त बढ़त बनाई है. उसके उम्मीदवार 19 सीटों पर आगे चल रहे हैं. 2010 के विधानसभा चुनाव में वाम दलों को सिर्फ एक सीट मिली थी, वहीं 2015 के चुनाव में दो सीट ही जीत पाई थी. इस बार वाम दलों ने आरजेडी के साथ मिलकर चुनाव लड़ा था.