कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और लोक सभा सांसद राहुल गांधी ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) पर तीखे सवाल उठाए है. गुरुवार को ट्विटर पर उन्होंने लिखा, ‘मेरा मानना है कि आरएसएस व सम्बंधित संगठन को संघ परिवार कहना सही नहीं है, परिवार में महिलाएं होती हैं, बुजुर्गों के लिए सम्मान होता है, करुणा और स्नेह की भावना होती है, जो आरएसएस में नहीं है। अब आरएसएस को संघ परिवार नहीं कहूंगा!’
राहुल गांधी ने ऐसा क्यों कहा?
कांग्रेस नेता राहुल गांधी का आरएसएस को संघ परिवार न कहने के इस ट्वीट का सिरा उनके बुधवार के ट्वीट से जुड़ा है. इसमें उन्होंने कहा था, ‘यूपी (झांसी) में केरल (Kerala) की नन पर हमला संघ परिवार (Sangh Parivar) की ओर से एक समुदाय को दूसरे समुदाय से लड़ाने और अल्पसंख्यकों (minorities) को दबाने के लिए चलाया जाने वाले जहरीले दुष्प्रचार (vicious propaganda) का नतीजा है.’ उन्होंने आगे लिखा, ‘एक राष्ट्र के रूप में हमारे लिए आत्मावलोकन करने और ऐसी विभाजनकारी शक्तियों को रोकने के लिए सुधारात्मक कदम उठाने का वक्त है।’
नन के साथ क्या हुआ था?
बीते हफ्ते उत्तर प्रदेश के झांसी में धर्मांतरण के आरोप में केरल की दो नन को परेशान किए जाने का मामला सामने आया था. बीबीसी में प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक, उत्कल एक्सप्रेस से केरल की दो नन, दो अन्य महिलाओं के साथ ओडिशा के राउरकेला जा रही थीं, इसी ट्रेन के दूसरे कोच में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के कुछ कार्यकर्ता सवार थे. इन्होंने ही धर्मांतरण का संदेह जताते हुए रेलवे के हेल्पलाइन पर सूचना दी और अपने साथियों को भी बुला लिया था. शिकायत मिलने के बाद जीआरपी ने झांसी रेलवे स्टेशन पर इन चारों महिलाओं को ट्रेने से उतार लिया. लेकिन पूछताछ में धर्मांतरण की शिकायत गलत पाए जाने पर सभी को छोड़ दिया गया.
गृह मंत्रालय ने मांगी रिपोर्ट
केरल की नन के साथ इस व्यवहार पर कांग्रेस के अलावा केरल के मुख्यमंत्री पी विजयन ने भी आपत्ति जताई है. उन्होंने इस मामले में गृह मंत्रालय को पत्र लिखा. इसके बाद हरकत में आए गृह मंत्रालय ने राजकीय रेलवे पुलिस (जीआरपी) से रिपोर्ट मांगी है. उधर, इस मामले के राजनीतिक गलियारे में पहुंचने के बाद केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने इस मामले में कठोर कार्रवाई करने का आश्वासन दिया है.
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