कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग के साथ किसानों का आंदोलन लगातार बढ़ता जा रहा है. विपक्ष भी संसद में किसानों की मुद्दे को सख्ती से उठा रहा है. इस बीच कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी ने कृषि कानूनों से जमीन छिनने जैसे भ्रम फैलाए जाने का आरोप लगाया है.
उन्होंने कहा, ‘मेरा किसान यूनियन के नेताओं से यही कहना है कि ये बिल (कानून) किसानों के हित के बिल हैं. किसानों के लिए जिस तरह से भ्रामक प्रचार किया जा रहा है, यहां पर सदन में विपक्ष भी राजनीतिक रोटियां सेंकना चाह रहा है, उनके समय में भी यह रिफॉर्म लाना चाह रहे थे, लेकिन विपक्ष नहीं लेकर आया.’
‘कानून में जमीन से जुड़ा कोई शब्द नहीं’
केंद्रीय मंत्री कैलाश चौधरी ने आगे कहा, ‘आज जब यह (फैसला) किसानों के हित में हुआ है, तो इसके ऊपर एक भ्रामक प्रचार यह फैलाया जा रहा है कि अगर यह कानून लागू होते हैं तो आने वाले समय में किसानों की जमीन चली जाएगी. यह एक गलत प्रचार किया जा रहा है. इस कानून में जमीन से संबंधित किसी भी प्रकार के शब्द का इस्तेमाल नहीं किया गया है. यह जो कानून है इसमें सिर्फ फसल के एग्रीमेंट की बात की गई है.’
उन्होंने आगे कहा, ‘आज मैं बड़ी ईमानदारी के साथ कहना चाहता हूं कि किसानों के हित में इतना अच्छा कानून बना है, जहां इस तरह से बात फैलाई जा रही है कि जमीन चली जाएगी. मैं ईमानदारी से कहना चाहता हूं कि अगर किसानों की एक भी इंच जमीन चली जाए, कानूनों के अंदर ऐसा प्रावधान हो तो मैं हमेशा के लिए मंत्री पद छोड़ दूंगा और मैं हमेशा के लिए राजनीति छोड़ने के लिए तैयार हूं.’
‘कानून वापसी नहीं तो घर वापसी नहीं’
कृषि राज्यमंत्री कैलाश चौधरी के इन दावे के बीच किसानों ने अपने आंदोलन को सख्त करने का ऐलान किया है. किसान संगठनों के साझा मंच किसान एकता मोर्चा ने छह फरवरी को देश भर में दोपहर 12 बजे से तीन बजे तक चक्का जाम करने का ऐलान किया है. वहीं, भारतीय किसान यूनियन (अराजनैतिक) के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा, ‘हमारा नारा है- कानून वापसी नहीं तो घर वापसी नहीं. यह आंदोलन अक्टूबर से पहले खत्म नहीं होगा.’
Advertisement. Scroll to continue reading. किसानों को मिल रहा है व्यापक समर्थन
एक तरफ जहां किसानों के धरनास्थल के आसपास नाकेबंदी की जा रही है, सड़कों पर पक्के बैरियर और नुकीली कीलें लगाई जा रही हैं. दूसरी तरफ पश्चिमी उत्तर प्रदेश, हरियाणा और राजस्थान में किसान महापंचायत करके आंदोलन का समर्थन कर रहे हैं. विभिन्न राज्यों से धरनास्थलों पर किसानों का आना लगातार जारी है. इस बीच विपक्षी दलों के नेता भी किसानों के धरना स्थलों पर जाकर उनकी मांगों का समर्थन कर रहे हैं. शिवसेना सांसद संजय राउत ने गाजीपुर बॉर्डर पर जाकर किसानों का समर्थन किया और इस मुद्दे पर सभी विपक्षी दलों से एकजुट होने की अपील की.