सोमवार को दिल्ली विधानसभा का एक दिन का विशेष सत्र बुलाया गया. विशेष सत्र में विपक्ष और सत्ता पक्ष के विधायकों ने सड़क-पानी से लेकर सीसीटीवी लगाने और कोरोना जांच और इलाज को पुख्ता बनाने जैसे मुद्दे उठाए. विपक्ष ने एक दिन के विशेष सत्र को बढ़ाकर पांच दिन करने की मांग भी रखी.
इस विशेष सत्र में रेलवे की जमीन पर बसी झुग्गी बस्तियों को उजाड़ने के मुद्दे पर भी चर्चा हुई. बीजेपी विधायक रमेश सिंह बिधूड़ी ने यह मुद्दा उठाया. उन्होंने कहा, ‘हम लोग इस मुद्दे पर चर्चा चाहते हैं. हम चाहते हैं कि सरकार यह बताए कि उसकी क्या योजना है? सरकार पूरे मामले में सक्रिय भूमिका निभाए और सुनिश्चित करे कि झुग्गीवासियों को रहने की जगह मिल सके.’ रमेश सिंह बिधूड़ी ने आगे कहा कि दिल्ली में केंद्र के पैसों से जो फ्लैट बनाए गए हैं, दिल्ली सरकार को उनमें झुग्गीवासियों को शिफ्ट करने का काम करना चाहिए.
इसके जवाब में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने झुग्गीवासियों की हर संभव मदद का भरोस दिलाया. उन्होंने कहा, ‘दिल्ली की झुग्गी कॉलोनियों में रहने वाले अपने सभी भाई-बहनों को मैं ये भरोसा देता हूं कि जब तक आपका ये भाई ज़िंदा है, आपका घर उजड़ने नहीं देंगे.’ दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने अपने एक फैसले में 90 दिनों के भीतर रेलवे की जमीन पर बसी 48 हजार झुग्गियों को हटाने का आदेश दिया है.
विधानसभा के विशेष सत्र के पहले इसमें शामिल होने वाले सभी विधायकों और विधानसभाकर्मियों को मिलाकर कुल 180 लोगों का कोरोना टेस्ट किया गया. द टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक, आम आदमी पार्टी के तीन विधायकों और एक पत्रकार समेत कुल नौ लोग कोरोना पॉजिटिव पाए गए.
कोरोना पॉजिटिव होने की वजह से दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने भी एक दिन के विशेष मानसून सत्र में हिस्सा नहीं लिया. ट्विटर पर उन्होंने लिखा, ‘हल्के बुखार के बाद आज कोविड-19 जांच करायी. जांच में संक्रमित होने की पुष्टि हुई है. मैंने स्वयं को एकांतवास में रख लिया है. फिलहाल बुखार या अन्य कोई परेशानी नहीं है. मैं पूरी तरह ठीक हूं. आप सब की दुआ से जल्द ही पूर्ण स्वस्थ होकर काम पर लौटूंगा.’