महाराष्ट्र की राजनीति में एक बड़ा उलटफेर सामने आया है. प्रदेश के गृह मंत्री अनिल देशमुख ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. बॉम्बे हाईकोर्ट की ओर से उनके खिलाफ लगे धन उगाही के आरोपों की जांच सीबीआई को सौंपे जाने के बाद उन्होंने यह कदम उठाया है. यह आरोप पूर्व मुंबई पुलिस कमिश्नर परमवीर सिंह ने लगाए थे. बॉम्बे हाई कोर्ट ने सीबीआई को अपनी प्रारंभिक जांच हर हाल में 15 दिन के भीतर पूरी करने के लिए कहा है. इस आदेश के बाद नैतिक आधार पर गृह मंत्री अनिल देशमुख ने अपना इस्तीफा मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को सौंप दिया. अपने इस्तीफे में गृहमंत्री अनिल देशमुख ने लिखा कि वे हाई कोर्ट के आदेश के बाद नैतिक रूप से अपने पद पर रहना उचित नहीं समझते हैं, इसलिए अपने पद से इस्तीफा दे रहे हैं.
डॉ. जयश्री पाटिल की याचिका पर सुनवाई करते हुए बॉम्बे हाई कोर्ट ने कहा था कि अनिल देशमुख गृह मंत्री हैं, ऐसे में निष्पक्ष जांच नहीं हो सकती है. अदालत ने यह भी कहा कि एक बार प्रारंभिक जांच पूरी होने के बाद सीबीआई निदेशक अपने विवेक से आगे की कार्रवाई करने के बारे में फैसला कर सकेंगे.
गौरतलब है कि 20 मार्च को अपने तबादले के बाद मुंबई के पूर्व आयुक्त परमवीर सिंह ने गृह मंत्री अनिल देशमुख पर मुंबई के बार, रेस्टोरेंट और हुक्का पार्लर से बड़े पैमाने पर धन उगाही करने का आरोप लगाया था. उन्होंने इस बारे में सीएम उद्धव ठाकरे को एक लंबा पत्र लिखा था. इसमें उन्होंने कहा था कि क्राइम ब्रांच के निलंबित अधिकारी सचिन वाजे ने उन्हें बताया था कि गृहमंत्री ने उनसे हर महीने 100 करोड रुपए की उगाही करने के लिए कहा था.
हालांकि, इस मामले की सुनवाई करते हुए पिछले हफ्ते बॉम्बे हाईकोर्ट ने परमवीर सिंह से सख्त सवाल पूछे थे. अदालत ने कहा था, ‘जब आपको पता था कि अपराध हुआ है और आप ड्यूटी पर थे तो आपने अपना कर्तव्य निभाते हुए एफआईआर क्यों नहीं दर्ज कराई? आपने यह क्यों नहीं किया?’