पंचायतनामा

चाहे मतदाता हों या उम्मीदवार, यूपी पंचायत चुनाव की इन तारीखों को ध्यान में जरूर रखें

उत्तर प्रदेश में त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों के लिए मतदाता सूची तैयार करने का काम चल रहा है. राज्य निर्वाचन आयोग ने भारतीय संविधान के अनुच्छेद 243 (ट) और संयुक्त राज पंचायती अधिनियम-1947 की धारा-9 के तहत मतदाता सूची बनाने और सत्यापन के लिए पहली अधिसूचना सितंबर में जारी की थी. लेकिन दिसंबर में संशोधित अधिसूचना जारी करके इसकी तारीखों में बदलाव किया है. संविधान के अनुच्छेद 243 (ट) के मुताबिक, सभी पंचायत चुनावों के लिए राज्य निर्वाचक नामावली (मतदाता सूची) तैयार करने और निर्वाचन संबंधी सभी कार्यों की जिम्मेदारी राज्य निर्चाचन आयोग में निहित होगी, जिसमें एक राज्य निर्वाचन आयुक्त होगा और जिसे राज्यपाल नियुक्त करेगा.

आयोग ने समय-सीमा बदली

राज्य निर्वाचन आयोग की संशोधित अधिसूचना के मुताबिक, ड्राफ्ट नामावली यानी मतदाता सूची का कच्चा मसौदा बनाने की समय सीमा 13 नवंबर से 5 दिसंबर से बढ़ाकर 26 दिसंबर कर दिया गया है. इस ड्राफ्ट वोटर लिस्ट को 27 दिसंबर को सार्वजनिक किया जाएगा. राज्य निर्वाचन आयोग ने लगभग 80 हजार मत केंद्रों के तहत दो लाख मतदान स्थलों पर मतदाता सत्यापन के लिए एक लाख कर्मचारियों को बीएलओ के रूप में तैनात किया है. इस काम को ईबीएलओ ऐप के माध्यम से किया जा रहा है.

शिकायतों को कब तक सुना जाएगा?

वहीं, ड्राफ्ट मतदाता सूची को जांचने का काम 28 दिसंबर 2020 से तीन जनवरी 2021 तक चलेगा. इस दौरान शिकायतों को दर्ज किया जाएगा. इसके आधार पर मतदाता की ड्राफ्ट सूची में चार जनवरी 2020 से 11 जनवरी 2020 तक संशोधन किया जाएगा. यानी यह तारीख उन सभी लोगों के लिए अहम है जो आगामी पंचायत चुनाव में मददाता है या चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे हैं. इस दौरान उन्होंने अगर ध्यान नहीं दिया और मतदाताओं का नाम सूची में शामिल होने से छूट गया या उसमें कोई गलती रह गई तो इसका खामियाजा मतदान के समय उठाना पड़ सकता है, जहां जीत-हार तय करने में एक-एक वोट अहम होता है.

मतदाता सूची को कब अंतिम रूप दिया जाएगा?

राज्य निर्वाचन आयोग ने ड्राफ्ट मतदाता सूची पर सामने आई शिकायतें दूर करने के बाद उसे मूल मतदाता सूची में शामिल करने के लिए 12 जनवरी 2020 से 21 जनवरी 2021 तक का समय तय किया है. इसके बाद तैयार मतदाता सूची का अंतिम प्रकाशन 22 जनवरी को किया जाएगा.

सत्यापन कार्यक्रम का प्रचार-प्रसार अनिवार्य

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आम जनता को मतदाता सूची में संशोधन के कार्यक्रम की पूरी जानकारी मिले, इसके लिए राज्य निर्वाचन आयोग ने संबंधित अधिकारियों को मतदाता सूची के सर्वेक्षण और सत्यापन कार्यक्रम का प्रचार-प्रसार करने का निर्देश दिया है. इसमें पूरे कार्यक्रम का समाचार पत्रों में प्रकाशन और सार्वजनिक नोटिस बोर्ड के जरिए जानकारी देना शामिल है. राज्य निर्वाचन आयोग ने मतदाता सूची के सत्यापन के दौरान सभी अधिकारियों और कर्मचारियों को कोविड-19 संक्रमण रोकने के लिए जरूरी सभी सावधानियों का पालन करने के निर्देश दिए हैं. इसमें भीड़ न जुटाने, उचित दूरी रखने, हैंड सैनिटाइजर का इस्तेमाल करने जैसी सावधानियां शामिल हैं.

यूपी का पंचायत चुनाव देश में सबसे बड़ा

उत्तर प्रदेश की त्रिस्तरीय पंचायत व्यवस्था देश में सबसे बड़ी पंचायत है. यहां 75 जिला पंचायत, 821 ब्लॉक पंचायत और कुल 58 हजार 754 ग्राम पंचायतें हैं. 2015 के पंचायत चुनाव के समय 11 करोड़ 74 लाख मतदाता थे, जिनमें छह करोड़ 24 लाख पुरुष और पांच करोड़ 49 लाख महिला मतदाता शामिल थे.

पंचायत चुनाव में दलों की भागीदारी नहीं

उत्तर प्रदेश के नगरीय निकाय चुनावों में राजनीतिक दल सीधी भागीदारी करते हैं, लेकिन पंचायत चुनावों में सीधी भागीदारी से बचते हैं. हालांकि, पंचायत चुनाव में जिला अध्यक्ष और ब्लॉक प्रमुख जैसे पदों पर राजनीतिक दल प्रत्याशियों को अप्रत्यक्ष रूप से समर्थन देते हैं. राजनीतिक दलों के शामिल न होने से पंचायत व्यवस्था में राजनीतिक विपक्ष नहीं बन पाता है, जो संसदीय लोकतंत्र में शक्ति संतुलन, जवाबदेही और पारदर्शिता सुनिश्चित करने में सबसे अहम भूमिका निभाता है.

ऋषि कुमार सिंह

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