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कुवैत सरकार का प्रदर्शन करने वाले प्रवासियों को निष्कासित करने का फैसला

Protest
Photo credit: Pixabay

कुवैत सरकार ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के दो पदाधिकारियों द्वारा पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ की गयी विवादित टिप्पणियों के विरोध में एक प्रदर्शन में भाग लेने वाले प्रवासियों को गिरफ्तार करने तथा उन्हें निष्कासित करने का फैसला किया है। खाड़ी देश के कानूनों में ऐसे प्रदर्शनों की अनुमति नहीं है।

सऊदी अरब में अंग्रेजी भाषा के दैनिक अखबार ‘अरब न्यूज’ में प्रकाशित एक खबर में सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि शुक्रवार की नमाज के बाद फाहाहील इलाके से पैगंबर मोहम्मद के समर्थन में प्रदर्शन करने वाले प्रवासियों को गिरफ्तार करने का निर्देश दिया गया है। देश के कानूनों के अनुसार खाड़ी देश में प्रवासियों द्वारा धरना या प्रदर्शन करने की मनाही है।

कुवैती अखबार अल राई ने खबर दी है, ‘‘अधिकारी उन्हें गिरफ्तार करने तथा उनके देश वापस भेजने के लिए निर्वासन केंद्र ले जाने की प्रक्रिया में हैं और उनके फिर से कुवैत आने की अनुमति नहीं होगी।’’

खबर में प्रदर्शन में भाग लेने वाले प्रवासियों की नागरिकता का जिक्र नहीं है।

कुवैत सरकार उन कुछ देशों में से एक है जिसने पूर्व भाजपा पदाधिकारी की टिप्पणियों को लेकर भारतीय दूत को समन भेजा था।

कुवैत के विदेश मंत्रालय ने कहा कि कुवैत में भारत के राजदूत सिबी जॉर्ज को सम्मन भेजा गया और एशिया मामलों के सहायक विदेश मंत्री ने उन्हें एक आधिकारिक विरोध पत्र सौंपा।

मंत्रालय ने भारत की सत्तारूढ़ पार्टी द्वारा जारी बयान का स्वागत किया, जिसमें उसने नेताओं को निलंबित करने की घोषणा की।

गौरतलब है कि कई मुस्लिम देशों ने पूर्व भाजपा पदाधिकारी की विवादित टिप्पणियों की निंदा की है।

आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, कुवैत में कानूनी रूप से रह रहे भारतीय नागरिकों की संख्या 2019 में 10 लाख से ऊपर हो गई थी। कुवैत में हर साल भारतीय समुदाय के लोगों की संख्या में पांच-छह प्रतिशत की वृद्धि हो रही है।

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