बीते दिनों नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत ने देश में ‘टू मच डेमोक्रेसी’ होने की शिकायत की थी. उनका कहना था कि देश में लोकतंत्र बहुत ज्यादा है, जिसके चलते सुधारों को लागू करने में परेशानी आ रही है. आज एक बार फिर लोग ‘टू मच डेमोक्रेसी’ हैशटैग के साथ ट्वीट कर रहे हैं. इसकी वजह केंद्र सरकार का इस बार संसद का शीतकालीन सत्र न बुलाने का फैसला है.
संसदीय कार्यमंत्री प्रल्हाद जोशी ने इसकी जानकारी देते हुए लोकसभा में कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी को चिट्ठी लिखी है. इसमें उन्होंने बताया है कि कोरोना संकट को देखते हुए सभी दलों के नेताओं से चर्चा करने के बाद शीतकालीन सत्र को न बुलाने का फैसला किया गया है, सरकार अगला सत्र सीधे जनवरी 2021 में बुलाएगी.
संसदीय कार्यमंत्री प्रल्हाद जोशी ने यह भी लिखा है कि जाड़े के महीने में, खास तौर पर दिल्ली में, कोरोना के मामलों में उछाल की वजह से महामारी के लिहाज से यह महीना बहुत महत्वपूर्ण हो गया है, हम अभी दिसंबर के बीच हैं, बहुत ही जल्द वैक्सीन आने की उम्मीद है.
हालांकि, केंद्र सरकार ने ऐसे वक्त में संसद का सत्र नहीं बुलाने का फैसला किया गया है, जब हजारों की तादाद में किसान केंद्रीय कानूनों के खिलाफ दिल्ली की सीमा पर मोर्चा खोले हैं. किसानों के इसी असंतोष को देखते हुए कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने संसद का शीतकालीन सत्र बुलाने के लिए लोक सभा अध्यक्ष ओम बिरला को चिट्ठी लिखी थी. इसी का संदर्भ लेते हुए संसदीय कार्यमंत्री ने जवाब दिया है.
हालांकि, कांग्रेस ने इसे जवाबदेही से भागने की कोशिश बताया है. पार्टी ने ट्विटर पर लिखा, ‘मोदी सरकार संसद के शीतकालीन सत्र को रद्द कर जवाबदेही, जिम्मेदारी से भाग रही है. अन्नदाता सड़कों पर संघर्ष कर रहा है, बिल वापस लेने की फरियाद कर रहा है. लेकिन मोदी सरकार जवाबदेही से भागने के लिये संसद के शीतकालीन सत्र को रद्द कर रही है.’ वहीं, 2019 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की उम्मीदवार रही जानी-मानी फिल्म अभिनेत्री उर्मिला मातोडकर ने ट्विटर पर लिखा, ‘राज्यों के चुनाव हो रहे हैं, बड़ी-बड़ी रैलियां हो रही हैं, संसद को छोड़कर पूरे देश को खोला जा चुका है, बिना सभी दलों से चर्चा किए कानूनों को खत्म किया जा रहा है. निश्चित तौर पर टू मच डेमोक्रेसी है.’
A state election has taken place..huge rallies roared for the same. Entire country has pretty much reopened except the #Parliament where laws r bulldozed without all party consultations anyway #TooMuchDemocracy indeed pic.twitter.com/IGuTB2tjti
— Urmila Matondkar (@UrmilaMatondkar) December 15, 2020
देश में कोरोना के मामले एक करोड़ का आंकड़ा छूने वाले हैं. हालांकि, सरकार का दावा है कि 24 घंटे के दौरान सामने आने वाले मामलों की संख्या में भारी कमी आई है. मंगलवार को 23 हजार नए मामले सामने आए जो अब तक की सबसे कम संख्या है.