उत्तर प्रदेश की राज्य सरकार ने आज वित्त वर्ष 2021-22 के लिए पांच लाख 50 हजार 270 करोड़ 78 लाख रुपये का बजट (UP BUDGET 2021-22) पेश किया. यह न केवल पेपरलेस बजट है, बल्कि प्रदेश के इतिहास का सबसे बड़ा बजट भी है. बजट पढ़ते हुए वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने कहा कि इसका मकसद प्रदेश को आत्मनिर्भर बनाना है, यह प्रदेश का सर्वांगीण विकास सुनिश्चित करेगा.
UP BUDGET 2021-22 में किसानों को क्या मिला
विधानसभा में वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने बजट (UP BUDGET 2021-22) पेश किया. इसमें किसानों की आय दोगुना करने के लिए वित्त वर्ष 2021-22 में आत्मनिर्भर कृषक समन्वित विकास योजना चलाने का ऐलान किया गया. इसके लिए 100 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं.
इसके अलावा मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना कल्याण बीमा के लिए 600 करोड़ रुपये और किसानों को मुफ्त पानी के लिए 700 करोड़ रुपये बजट (UP BUDGET 2021-22) आवंटित करने का प्रस्ताव है. वहीं, रियायती दर पर फसली कर्ज देने के लिए 400 करोड़ रुपये और ऊर्जा सुरक्षा के लिए 15 हजार सोलर पंप लगाने के लिए बजट आवंटन का प्रावधान किया गया है.
चिकित्सा और कुपोषण के लिए बजट
बजट (UP BUDGET 2021-22) में प्रदेश सरकार ने आयुष्मान भारत योजना के लिए 1,300 करोड़ रुपये, महिलाओं के इलाज के लिए प्रधानमंत्री मातृत्व वंदना योजना के लिए 320 करोड़ रुपये का बजट प्रस्तावित किया है. वहीं, महिलाओं और बच्चों में कुपोषण की समस्या से निपटने के लिए मुख्यमंत्री सक्षम सुपोषण योजना वित्त वर्ष 2021-22 लागू की जाएगी. इसके लिए बजट (UP BUDGET 2021-22) में 100 करोड़ रुपये का इंतजाम किया गया है.
बच्चों का शारीरिक विकास सुनिश्चित करने के लिए चल रहे पुष्टाहार कार्यक्रम के लिए यूपी बजट 2021-22 में 4,094 करोड़ रुपये आवंटित किया गया है. वहीं, राष्ट्रीय पोषण अभियान के लिए 415 करोड़ रुपये रखा गया है.
स्वच्छ भारत मिशन के लिए कितना बजट
राज्य सरकार ने बजट (UP BUDGET 2021-22) में स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) के तहत वित्त वर्ष 2021-2022 में 12 लाख 13 हजार व्यक्तिगत शौचालय और 98 हजार सामुदायिक शौचालयों बनाने का लक्ष्य रखा है. इसके लिए 2,031 करोड़ रुपये की बजट प्रस्तावित किया है. वहीं, स्वच्छ भारत मिशन (शहरी) के लिए 1400 करोड़ रुपये का बजट रखा गया है. नगरीय सीवरेज और जल निकासी की व्यवस्था के लिए 175 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है.
खेल विकास के लिए बजट
वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने अपने बजट (UP BUDGET 2021-22) भाषण में कहा कि सरकार खेलों को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है. उन्होंने युवा खेल विकास और प्रोत्साहन योजना के लिए 8.55 करोड़ रुपये के बजट प्रस्ताव का ऐलान किया.
सड़क और परिवहन के लिए बजट
UP BUDGET 2021-22: शहरी क्षेत्रों यातायात को सुगम बनाने के लिए कानपुर मेट्रो रेल परियोजना के लिए 597 करोड़ रुपये, आगरा मेट्रो रेल परियोजना के लिए 478 करोड़ रुपये और वाराणसी-गोरखपुर व अन्य शहरों में मेट्रो रेल परियोजना हेतु 100 करोड़ रुपये बजट रखा गया है.
इसके अलावा गांवों और बसावटों को सड़क से जोड़ने के लिए 695 करोड़ रुपये, उत्तर प्रदेश कोर रोड नेटवर्क परियोजना के अन्तर्गत सड़क निर्माण के लिए 440 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं.
एक्सप्रेस वे विकास के लिए अलग बजट
पूर्वान्चल एक्सप्रेस-वे के लिए 1107 करोड़ रुपये, बुन्देलखण्ड एक्सप्रेस-वे के लिए 1492 करोड़ और गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस-वे के लिए 860 करोड़ रुपये के बजट का प्रावधान किया गया है.
इसके साथ-साथ गंगा एक्सप्रेस-वे परियोजना के लिए भूमि अधिग्रहण के लिए 7200 करोड़ रुपये और निर्माण कार्यों के लिए 489 करोड़ रुपये का बजट आवंटन किया गया है.
ग्रामीण विकास के लिए बजट
प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के तहत 7000 करोड़ रुपये, मुख्यमंत्री आवास योजना-ग्रामीण के तहत 369 करोड़ रुपये का बजट घोषित किया गया है. इसके अलावा ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के तहत 35 करोड़ मानव दिवस का रोजगार सृजित करने का लक्ष्य रखा गया है. इसके लिए 5,548 करोड़ रुपये का बजट रखा गया है. वहीं, प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना-3 के बैच-1 के लिए 5000 करोड़ रुपये का बजट रखा गया है.
शहरी विकास के लिए बजट
UP BUDGET 2021-22 में प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के लिए 10 हजार 29 करोड़ रूपये और अमृत योजना के लिए 2200 करोड़ रुपये का बजट रखा गया है. वहीं, लखनऊ, कानपुर, प्रयागराज, वाराणसी, आगरा, सहारनपुर,बरेली, झांसी, मुरादाबाद और अलीगढ़ को 2000 करोड़ रुपये से स्मार्ट सिटी बनाया जाएगा. कान्हा गौशाला और बेसहारा पशु आश्रय योजना के लिए 80 करोड़ रूपये की व्यवस्था की गई है.
विधायक निधि के लिए बजट
बजट (UP BUDGET 2021-22) विधान मंडल क्षेत्रों के विकास कार्यों के लिए मंडल क्षेत्र विकास निधि हेतु 2,000 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं.
UP BUDGET 2021-22 पर विपक्ष ने क्या कहा
समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने ट्विटर पर लिखा- भाजपा का ये ‘विदाई बजट’ सबको रुला गया है. उन्होंने यह कहा- पेपरलेस बजट में किसान, मज़दूर, युवा, नारी व कारोबारी
किसी के भी हाथ कुछ न आया, रह गये सबके हाथ खाली.
वहीं, कांग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने कहा, ‘यह बजट विकास योजना को लाने का काम पर छलावा, दिखावा और ब्रांडिंग के अलावा और कुछ नहीं. ट्विटर पर उन्होंने लिखा, ‘न लघु उद्योग को समर्थन, न किसान के बर्बाद फसल की बात, न गन्ना भुगतान पर स्पष्टता. नौजवानों के रोजगार पर निजी क्षेत्र का पहरा. बुंदेलखंड के किसान आत्महत्याओं पर चुप्पी. अपना राग, अपनी डफ़ली. आज के बजट की यही सच्चाई है. बजट पेपरलेस है, सरकार सेंसलेस है.’
सपा और कांग्रेस के अलावा बसपा प्रमुख और पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने भी बजट को निराशाजनक बताया. ट्विटर पर उन्होंने लिखा, ‘यूपी विधानसभा में आज पेश बीजेपी सरकार का बजट भी केन्द्र सरकार के बजट की तरह ही यहाँ प्रदेश में खासकर बेरोजगारी की क्रूरता दूर करने हेतु रोजगार आदि के मामले में अति-निराश करने वाला है. केन्द्र सरकार की तरह यूपी के बजट में भी वायदे व हसीन सपने जनता को दिखाने का प्रयास किया गया है.’