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विधान मंडल

UP BUDGET 2021-22: उत्तर प्रदेश में अब तक के इतिहास का सबसे बड़ा बजट पेश

उत्तर प्रदेश सरकार ने आज वित्त वर्ष 2021-22 के लिए पेश बजट में 27 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा की नई योजनाओं को शामिल किया है. इसमें कोरोना वैक्सीन के लिए 50 करोड़ रुपये का आवंटन शामिल है.

उत्तर प्रदेश विधानसभा में वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने UP BUDGET 2021-22 पेश किया
Photo credit- UP VIDHANSABHA twitter

उत्तर प्रदेश की राज्य सरकार ने आज  वित्त वर्ष 2021-22 के लिए पांच लाख 50 हजार 270 करोड़ 78 लाख रुपये का बजट (UP BUDGET 2021-22) पेश किया. यह न केवल पेपरलेस बजट है, बल्कि प्रदेश के इतिहास का सबसे बड़ा बजट भी है. बजट पढ़ते हुए वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने कहा कि इसका मकसद प्रदेश को आत्मनिर्भर बनाना है, यह प्रदेश का सर्वांगीण विकास सुनिश्चित करेगा.

UP BUDGET 2021-22 में किसानों को क्या मिला

विधानसभा में वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने बजट (UP BUDGET 2021-22) पेश किया. इसमें किसानों की आय दोगुना करने के लिए वित्त वर्ष 2021-22 में आत्मनिर्भर कृषक समन्वित विकास योजना चलाने का ऐलान किया गया. इसके लिए 100 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं.

इसके अलावा मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना कल्याण बीमा के लिए 600 करोड़ रुपये और किसानों को मुफ्त पानी के लिए 700 करोड़ रुपये बजट (UP BUDGET 2021-22) आवंटित करने का प्रस्ताव है. वहीं, रियायती दर पर फसली कर्ज देने के लिए 400 करोड़ रुपये  और ऊर्जा सुरक्षा के लिए 15 हजार सोलर पंप लगाने के लिए बजट आवंटन का प्रावधान किया गया है.

चिकित्सा और कुपोषण के लिए बजट

बजट (UP BUDGET 2021-22) में प्रदेश सरकार ने आयुष्मान भारत योजना के लिए 1,300 करोड़ रुपये, महिलाओं के इलाज के लिए प्रधानमंत्री मातृत्व वंदना योजना के लिए 320 करोड़ रुपये का बजट प्रस्तावित किया है. वहीं, महिलाओं और बच्चों में कुपोषण की समस्या से निपटने के लिए मुख्यमंत्री सक्षम सुपोषण योजना वित्त वर्ष 2021-22 लागू की जाएगी. इसके लिए बजट (UP BUDGET 2021-22) में 100 करोड़ रुपये का इंतजाम किया गया है.

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बच्चों का शारीरिक विकास सुनिश्चित करने के लिए चल रहे पुष्टाहार कार्यक्रम के लिए यूपी बजट 2021-22 में 4,094 करोड़ रुपये आवंटित किया गया है. वहीं, राष्ट्रीय पोषण अभियान के लिए 415 करोड़ रुपये रखा गया है.

स्वच्छ भारत मिशन के लिए कितना बजट

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राज्य सरकार ने बजट (UP BUDGET 2021-22) में स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) के तहत वित्त वर्ष 2021-2022 में 12 लाख 13 हजार व्यक्तिगत शौचालय और 98 हजार सामुदायिक शौचालयों बनाने का लक्ष्य रखा है. इसके लिए 2,031 करोड़ रुपये की बजट प्रस्तावित किया है. वहीं, स्वच्छ भारत मिशन (शहरी) के लिए 1400 करोड़ रुपये का बजट रखा गया है. नगरीय सीवरेज और जल निकासी की व्यवस्था के लिए 175 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है.

खेल विकास के लिए बजट

वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने अपने बजट (UP BUDGET 2021-22) भाषण में कहा कि सरकार खेलों को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है. उन्होंने युवा खेल विकास और प्रोत्साहन योजना के लिए 8.55 करोड़ रुपये के बजट प्रस्ताव का ऐलान किया.

सड़क और परिवहन के लिए बजट

UP BUDGET 2021-22: शहरी क्षेत्रों यातायात को सुगम बनाने के लिए कानपुर मेट्रो रेल परियोजना के लिए 597 करोड़ रुपये, आगरा मेट्रो रेल परियोजना के लिए 478 करोड़ रुपये और वाराणसी-गोरखपुर व अन्य शहरों में मेट्रो रेल परियोजना हेतु 100 करोड़ रुपये बजट रखा गया है.
इसके अलावा गांवों और बसावटों को सड़क से जोड़ने के लिए 695 करोड़ रुपये, उत्तर प्रदेश कोर रोड नेटवर्क परियोजना के अन्तर्गत सड़क निर्माण के लिए 440 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं.

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एक्सप्रेस वे विकास के लिए अलग बजट

पूर्वान्चल एक्सप्रेस-वे के लिए 1107 करोड़ रुपये, बुन्देलखण्ड एक्सप्रेस-वे के लिए 1492 करोड़ और गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस-वे के लिए 860 करोड़ रुपये के बजट का प्रावधान किया गया है.

इसके साथ-साथ गंगा एक्सप्रेस-वे परियोजना के लिए भूमि अधिग्रहण के लिए 7200 करोड़ रुपये और निर्माण कार्यों के लिए 489 करोड़ रुपये का बजट आवंटन किया गया है.

ग्रामीण विकास के लिए बजट

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प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के तहत 7000 करोड़ रुपये, मुख्यमंत्री आवास योजना-ग्रामीण के तहत 369 करोड़ रुपये का बजट घोषित किया गया है. इसके अलावा ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के तहत 35 करोड़ मानव दिवस का रोजगार सृजित करने का लक्ष्य रखा गया है. इसके लिए 5,548 करोड़ रुपये का बजट रखा गया है. वहीं, प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना-3 के बैच-1 के लिए 5000 करोड़ रुपये का बजट रखा गया है.

शहरी विकास के लिए बजट

UP BUDGET 2021-22 में प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के लिए 10 हजार 29 करोड़ रूपये और अमृत योजना के लिए 2200 करोड़ रुपये का बजट रखा गया है. वहीं, लखनऊ, कानपुर, प्रयागराज, वाराणसी, आगरा, सहारनपुर,बरेली, झांसी, मुरादाबाद और अलीगढ़ को 2000 करोड़ रुपये से स्मार्ट सिटी बनाया जाएगा. कान्हा गौशाला और बेसहारा पशु आश्रय योजना के लिए 80 करोड़ रूपये की व्यवस्था की गई है.

विधायक निधि के लिए बजट

बजट (UP BUDGET 2021-22) विधान मंडल क्षेत्रों के विकास कार्यों के लिए मंडल क्षेत्र विकास निधि हेतु 2,000 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं.

UP BUDGET 2021-22 पर विपक्ष ने क्या कहा

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समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने ट्विटर पर लिखा- भाजपा का ये ‘विदाई बजट’ सबको रुला गया है. उन्होंने यह कहा- पेपरलेस बजट में किसान, मज़दूर, युवा, नारी व कारोबारी
किसी के भी हाथ कुछ न आया, रह गये सबके हाथ खाली.

वहीं, कांग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने कहा, ‘यह बजट विकास योजना को लाने का काम पर छलावा, दिखावा और ब्रांडिंग के अलावा और कुछ नहीं. ट्विटर पर उन्होंने लिखा, ‘न लघु उद्योग को समर्थन, न किसान के बर्बाद फसल की बात, न गन्ना भुगतान पर स्पष्टता. नौजवानों के रोजगार पर निजी क्षेत्र का पहरा. बुंदेलखंड के किसान आत्महत्याओं पर चुप्पी. अपना राग, अपनी डफ़ली. आज के बजट की यही सच्चाई है. बजट पेपरलेस है, सरकार सेंसलेस है.’

सपा और कांग्रेस के अलावा बसपा प्रमुख और पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने भी बजट को निराशाजनक बताया. ट्विटर पर उन्होंने लिखा, ‘यूपी विधानसभा में आज पेश बीजेपी सरकार का बजट भी केन्द्र सरकार के बजट की तरह ही यहाँ प्रदेश में खासकर बेरोजगारी की क्रूरता दूर करने हेतु रोजगार आदि के मामले में अति-निराश करने वाला है. केन्द्र सरकार की तरह यूपी के बजट में भी वायदे व हसीन सपने जनता को दिखाने का प्रयास किया गया है.’

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विधान मंडल

पुष्कर सिंह धामी उत्तराखंड के 11वें मुख्यमंत्री बने

शपथ ग्रहण समारोह से पहले पूरे दिन रूठे विधायकों को मनाने की कवायद चलती रही. इसके लिए पुष्कर सिंह धामी खुद सतपाल महाराज से डालनवाला स्थित उनके आवास पर जाकर मिले और उन्हें मनाया. माना जा रहा था कि सतपाल महाराज शनिवार को हुए फैसले के बाद से नाराज चल रहे थे. #Uttarakhand #PushkarSinghDhami

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Photo Credit- Twitter ukcmo

बीजेपी विधायक पुष्कर सिंह धामी ने रविवार को उत्तराखंड के 11वें मुख्यमंत्री के रूप में पद की शपथ ली. राजभवन में आयोजित एक समारोह में राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ने उन्हें पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई. पुष्कर सिंह धामी के शपथ लेने के बाद 11 अन्य कैबिनेट मंत्रियों ने भी शपथ ली, जिनमें शनिवार से नाराज चल रहे विधायक भी शामिल हैं.

उत्तराखंड के अब तक के सबसे युवा मुख्यमंत्री 45 वर्षीय पुष्कर सिंह धामी उधमसिंह नगर जिले के खटीमा से विधायक हैं. पद की शपथ लेने के बाद उन्होंने कहा, ‘मैं पार्टी की अपेक्षाओं को पूरा करने के लिए अपनी तरफ से पूरी कोशिश करूंगा, जिसने मुझे उत्तराखंड के लोगों की सेवा करने के लिए चुना है.’

शपथ ग्रहण समारोह से पहले पूरे दिन रूठे विधायकों को मनाने की कवायद चलती रही. इसके लिए पुष्कर सिंह धामी खुद सतपाल महाराज से डालनवाला स्थित उनके आवास पर जाकर मिले और उन्हें मनाया. माना जा रहा था कि सतपाल महाराज शनिवार को हुए फैसले के बाद से नाराज चल रहे थे. हालांकि, महाराज ने अपनी नाराजगी को लेकर कोई टिप्पणी करने से इंकार कर दिया था.

समाचार एजेंसी भाषा के मुताबिक, शपथ लेने के बाद संवाददाताओं के सवाल पर सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि कहीं कोई नाराजगी नहीं है. उल्टा उन्होंने सवाल पूछा कि ‘आपको यहां कोई नाराज दिखा क्या?’

तय समय से 10 मिनट की देरी से आरंभ हुए समारोह में पुष्कर सिंह धामी के साथ शपथ लेने वाले उनके मंत्रिमंडल में सभी पुराने चेहरों को बरकरार रखा गया है और इसमें एकमात्र परिवर्तन यही किया गया है कि सभी मंत्रियों को कैबिनेट दर्जा दिया गया है. पुष्कर सिंह धामी के मंत्रिमंडल में कोई भी राज्य मंत्री नहीं है.

त्रिवेंद्र सिंह रावत और तीरथ सिंह रावत मंत्रिमंडल की तरह सतपाल महाराज को एक बार फिर पुष्कर मंत्रिमंडल में भी नंबर दो पर रखा गया है. अन्य मंत्रियों में डॉ. हरक सिंह रावत, सुबोध उनियाल, यशपाल आर्य, बिशन सिंह चुफाल, बंशीधर भगत, रेखा आर्य, स्वामी यतीश्वरानंद, अरविंद पाण्डेय, गणेश जोशी और धनसिंह रावत शामिल हैं.

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पुष्कर सिंह धामी मंत्रिमंडल में रेखा आर्य, धनसिंह रावत और यतीश्वरानंद का कद बढाया गया है. ये सभी लोग पिछले मंत्रिमंडल में राज्य मंत्री थे. शपथ ग्रहण समारोह के दौरान पूर्व मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत और त्रिवेंद्र सिंह रावत, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष मदन कौशिक, कई विधायकों और अधिकारियों के अलावा धामी की मां बिश्ना देवी और पत्नी गीता धामी सहित अन्य परिजन भी मौजूद रहे.

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विधान मंडल

महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख का इस्तीफा

बॉम्बे हाई कोर्ट ने गृह मंत्री अनिल देशमुख पर मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमवीर सिंह के लगाए गए आरोपों की प्रारंभिक जांच सीबीआई को सौंप दी है. पढ़िए पूरी खबर…

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Photo credit- ANI

महाराष्ट्र की राजनीति में एक बड़ा उलटफेर सामने आया है. प्रदेश के गृह मंत्री अनिल देशमुख ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. बॉम्बे हाईकोर्ट की ओर से उनके खिलाफ लगे धन उगाही के आरोपों की जांच सीबीआई को सौंपे जाने के बाद उन्होंने यह कदम उठाया है. यह आरोप पूर्व मुंबई पुलिस कमिश्नर परमवीर सिंह ने लगाए थे. बॉम्बे हाई कोर्ट ने सीबीआई को अपनी प्रारंभिक जांच हर हाल में 15 दिन के भीतर पूरी करने के लिए कहा है. इस आदेश के बाद नैतिक आधार पर गृह मंत्री अनिल देशमुख ने अपना इस्तीफा मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को सौंप दिया. अपने इस्तीफे में गृहमंत्री अनिल देशमुख ने लिखा कि वे हाई कोर्ट के आदेश के बाद नैतिक रूप से अपने पद पर रहना उचित नहीं समझते हैं, इसलिए अपने पद से इस्तीफा दे रहे हैं.

डॉ. जयश्री पाटिल की याचिका पर सुनवाई करते हुए बॉम्बे हाई कोर्ट ने कहा था कि अनिल देशमुख गृह मंत्री हैं, ऐसे में निष्पक्ष जांच नहीं हो सकती है. अदालत ने यह भी कहा कि एक बार प्रारंभिक जांच पूरी होने के बाद सीबीआई निदेशक अपने विवेक से आगे की कार्रवाई करने के बारे में फैसला कर सकेंगे.

गौरतलब है कि 20 मार्च को अपने तबादले के बाद मुंबई के पूर्व आयुक्त परमवीर सिंह ने गृह मंत्री अनिल देशमुख पर मुंबई के बार, रेस्टोरेंट और हुक्का पार्लर से बड़े पैमाने पर धन उगाही करने का आरोप लगाया था. उन्होंने इस बारे में सीएम उद्धव ठाकरे को एक लंबा पत्र लिखा था. इसमें उन्होंने कहा था कि क्राइम ब्रांच के निलंबित अधिकारी सचिन वाजे ने उन्हें बताया था कि गृहमंत्री ने उनसे हर महीने 100 करोड रुपए की उगाही करने के लिए कहा था.

हालांकि, इस मामले की सुनवाई करते हुए पिछले हफ्ते बॉम्बे हाईकोर्ट ने परमवीर सिंह से सख्त सवाल पूछे थे. अदालत ने कहा था, ‘जब आपको पता था कि अपराध हुआ है और आप ड्यूटी पर थे तो आपने अपना कर्तव्य निभाते हुए एफआईआर क्यों नहीं दर्ज कराई? आपने यह क्यों नहीं किया?’

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चुनाव

तमिलनाडु में दिल्ली से निशानेबाजों को बुलाया जा रहा है : कनिमोझी

तमिलनाडु विधानसभा चुनाव से पहले डीएमके सांसद कनिमोझी ने कहा कि भाजपा में कई बेटे और बेटियां हैं, लेकिन इसके बारे में कोई बात नहीं करता.

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Photo credit- Kanimozhi Twitter

राजनीतिक पार्टियों में परिवारवाद को लेकर थूथुक्कडी लोकसभा सीट से डीएमके (DMK) सांसद और पार्टी की महिला शाखा की सचिव कनिमोझी (Kanimozhi) ने भाजपा पर निशाना साधा है. उन्होंने तमिलनाडु विधानसभा चुनाव के लिए सभी 234 सीटों पर छह अप्रैल को होने वाले मतदान से पहले अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस के साथ बातचीत की. इसमें उन्होंने कहा, ‘भाजपा में कई बेटे और बेटियां हैं. लेकिन इसके बारे में कोई बात नहीं करता. क्यों केवल क्षेत्रीय और अन्य पार्टियों को निशाना बनाया जाता है?’

कनिमोझी ने भाजपा पर दिल्ली से तमिलनाडु की अन्नाद्रमुक (AIADMK) सरकार को चलाने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा, ‘भाजपा कोई बड़ी खिलाड़ी नहीं है. लेकिन तमिलनाडु में भाजपा द्वारा प्रतिनिधि (प्रॉक्सी) सरकार चलाई जा रही है. इसलिए हम सीधे तौर पर भाजपा पर हमलावर हैं. यह अन्नाद्रमुक की सरकार है, लेकिन निशानेबाजों को दिल्ली से बुलाया जा रहा है. इसे देखते हुए हमारे पास सरकार के असली मालिक पर हमला करने के अलावा और कोई उपाय नहीं है.’ तमिलानाडु विधासभा चुनाव -2021 में अन्नाद्रमुक की सहयोगी भाजपा कुल 234 में से 20 सीटों पर लड़ रही है.

इसी बातचीत में कनिमोझी (Kanimozhi) ने अन्नाद्रमुक और भाजपा के अलावा चुनाव लड़ने वाली अन्य पार्टियों पर भी निशाना साधा. उन्होंने इस बात से इनकार किया कि ये सभी पार्टियां अन्नाद्रमुक सरकार विरोधी मतों में सेंध लगा पाएंगी. डीएमके सांसद ने कहा, ‘इनमें से कुछ पार्टियां अन्नाद्रमुक की मदद करने के लिए चुनावी मैदान में हैं. इसके बारे में मेरे पास कोई सबूत नहीं है. लेकिन सभी कह रहे हैं कि ये अन्नाद्रमुक-भाजपा प्रायोजित हैं.’

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कनिमोझी (Kanimozhi) ने तमिलनाडु विधानसभा चुनाव (#TNAssemblyElection2021) में जीत मिलने का दावा किया. उन्होंने कहा कि जनता डीएमके को मजबूत विकल्प के रूप में देख रही है. उन्होंने कहा कि यह साफ तौर पर दिख रहा है कि अन्नाद्रमुक सरकार राज्य के विकास करने में नाकाम रही है. वहीं, लोगों में मौजूदा सरकार को लेकर काफी गुस्सा है.

 

यह खबर सौरभ शेखर के द्वारा लिखी गई है, जो भारतीय जनसंचार संस्थान (IIMC), नई दिल्ली के छात्र हैं.

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विधान मंडल

लोकतंत्र का चीरहरण करने वालों को सरकार कहलाने का हक नहीं – राहुल गांधी

बिहार विधानसभा में विपक्षी विधायकों के साथ मारपीट और बदसलूकी को कांग्रेस ने बीजेपी-आरएसएस के इशारे पर की गई घटना बताया है. इस पर राहुल गांधी के अलावा लालू प्रसाद यादव ने क्या कहा, पढ़िए ये खबर…

#नीतीशकुमार_शर्म_करो #बिहार बिहार विधानसभा
Photo credit- Twitter congress

बिहार विधानसभा में मंगलवार को विपक्षी विधायकों के साथ बदसलूकी का मामला सामने आया है. अब तक सामने आए वीडियो में पुलिसकर्मी विधायकों को खींचते और सदन से बाहर फेंकते दिखाई दे रहे हैं. विपक्ष ने महिला विधायकों से बदसलूकी करने का आरोप लगाया है. इसमें कई विधायक घायल भी हुए हैं. इस पर आरजेडी और कांग्रेस की तीखी प्रतिक्रिया आई है. कांग्रेस ने बिहार विशेष सशस्त्र पुलिस बल विधेयक-2021 (Bihar Special Armed Police Bill, 2021) के प्रावधानों को साझा करते हुए ट्वीटर पर लिखा, ‘इस बिल के खिलाफ विरोध कर रहे विपक्ष के विधायकों पर नीतीश सरकार के इशारे पर पुलिस ने बर्बरता की सारी हदें पार की, सदन के इतिहास में पहली बार पुलिस आई और विधायकों के साथ मारपीट की.’

राहुल गांधी ने भी साधा निशाना

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने ट्वीटर पर लिखा, ‘#बिहार विधानसभा की शर्मनाक घटना से साफ़ है कि मुख्यमंत्री पूरी तरह RSS/BJP-मय हो चुके हैं। लोकतंत्र का चीरहरण करने वालों को सरकार कहलाने का कोई अधिकार नहीं है। विपक्ष फिर भी जनहित में आवाज़ उठाता रहेगा- हम नहीं डरते!’

वहीं, कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने लिखा, ‘क्या देश के इतिहास में किसी विधान सभा में यह शर्मनाक मंजर भी घटित हुआ है? क्या विधायकों को विधानसभा में थप्पड़-घूसों से जानवरों की तरह पिटवाना संसदीय परम्परा है? क्या यही जद(यू)-भाजपा का असली चेहरा है? देखें, कांग्रेस MLA, श्री संतोष मिश्रा से जानवरों से बुरा वर्ताव #Bihar’.

एक अन्य ट्वीट में उन्होंने लिखा, ‘बिहार विधानसभा में प्रजातंत्र का क़त्ल हुआ. #बिहार_विधानसभा में संवैधानिक मर्यादाओं का चीर हनन हुआ. बिहार विधानसभा में जद(यू)-भाजपा की पुलिस ने RJD-कांग्रेस विधायकों से मारपीट कर गुंडागर्दी की सब हदें पार कर दी. अब भी आवाज़ नही उठाई तो न प्रजातंत्र बचेगा,न सविंधान और न ही देश.’

लालू प्रसाद यादव ने भी साधा निशाना

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वहीं, आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद यादव के ट्विटर हैंडल पर लिखा गया, ‘संघ की गोद में खेलने वाला नीतीश संघ का प्यादा और छोटा रिचार्ज है. #SanghiGundaNitish‘. मंगलवार को मारपीट की घटना के तुरंत बाद लिखा गया था कि ‘लोहिया जयंती के दिन कुकर्मी आदमी कुकर्म नहीं करेगा तो कुकर्मी कैसे कहलाएगा? उन्हेंं शर्म आनी चाहिए. वे सदन के अंदर निर्वाचित माननीय विधायकों को पिटवा रहा है?  अगर पुलिस सदन के अंदर विधायकों को पीट सकती है तो उनके घर जाकर क्या करेगी? #नीतीशकुमार_शर्म_करो’.

एक अन्य ट्वीट में लिखा गया था, ‘लोहिया जयंती पर नीतीश में हिटलर, मुसोलिनी और पोल पॉट की आत्मा समा गई है. वह तिलमिलाए जा रहे हैं कि कब उतने ही निरंकुश हो जाएं. गोबेल्स, हिमलर, हरमन जैसे उनके सहायक तो हैं ही, अब हिटलर के एसएस की तर्ज पर कानून बनाकर बिहार विशेष सशस्त्र बल से जनता पर नकेल कसना चाहते हैं। #नीतीशकुमार_शर्म_करो’

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