Connect with us

Hi, what are you looking for?

पंचायतनामा

चाहे मतदाता हों या उम्मीदवार, यूपी पंचायत चुनाव की इन तारीखों को ध्यान में जरूर रखें

उत्तर प्रदेश में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव इस बार समय पर नहीं हो पाए हैं. इसके लिए तैयारियां लगभग चार महीने की देरी से चल रही हैं.

मतदाता सूची को तैयार करने का काम जारी है
Photo credit - PIB

उत्तर प्रदेश में त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों के लिए मतदाता सूची तैयार करने का काम चल रहा है. राज्य निर्वाचन आयोग ने भारतीय संविधान के अनुच्छेद 243 (ट) और संयुक्त राज पंचायती अधिनियम-1947 की धारा-9 के तहत मतदाता सूची बनाने और सत्यापन के लिए पहली अधिसूचना सितंबर में जारी की थी. लेकिन दिसंबर में संशोधित अधिसूचना जारी करके इसकी तारीखों में बदलाव किया है. संविधान के अनुच्छेद 243 (ट) के मुताबिक, सभी पंचायत चुनावों के लिए राज्य निर्वाचक नामावली (मतदाता सूची) तैयार करने और निर्वाचन संबंधी सभी कार्यों की जिम्मेदारी राज्य निर्चाचन आयोग में निहित होगी, जिसमें एक राज्य निर्वाचन आयुक्त होगा और जिसे राज्यपाल नियुक्त करेगा.

आयोग ने समय-सीमा बदली

राज्य निर्वाचन आयोग की संशोधित अधिसूचना के मुताबिक, ड्राफ्ट नामावली यानी मतदाता सूची का कच्चा मसौदा बनाने की समय सीमा 13 नवंबर से 5 दिसंबर से बढ़ाकर 26 दिसंबर कर दिया गया है. इस ड्राफ्ट वोटर लिस्ट को 27 दिसंबर को सार्वजनिक किया जाएगा. राज्य निर्वाचन आयोग ने लगभग 80 हजार मत केंद्रों के तहत दो लाख मतदान स्थलों पर मतदाता सत्यापन के लिए एक लाख कर्मचारियों को बीएलओ के रूप में तैनात किया है. इस काम को ईबीएलओ ऐप के माध्यम से किया जा रहा है.

शिकायतों को कब तक सुना जाएगा?

वहीं, ड्राफ्ट मतदाता सूची को जांचने का काम 28 दिसंबर 2020 से तीन जनवरी 2021 तक चलेगा. इस दौरान शिकायतों को दर्ज किया जाएगा. इसके आधार पर मतदाता की ड्राफ्ट सूची में चार जनवरी 2020 से 11 जनवरी 2020 तक संशोधन किया जाएगा. यानी यह तारीख उन सभी लोगों के लिए अहम है जो आगामी पंचायत चुनाव में मददाता है या चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे हैं. इस दौरान उन्होंने अगर ध्यान नहीं दिया और मतदाताओं का नाम सूची में शामिल होने से छूट गया या उसमें कोई गलती रह गई तो इसका खामियाजा मतदान के समय उठाना पड़ सकता है, जहां जीत-हार तय करने में एक-एक वोट अहम होता है.

ये भी पढ़ें -  यूपी का पंचायत चुनाव अपनी समय-सीमा से कहां चूका

मतदाता सूची को कब अंतिम रूप दिया जाएगा?

राज्य निर्वाचन आयोग ने ड्राफ्ट मतदाता सूची पर सामने आई शिकायतें दूर करने के बाद उसे मूल मतदाता सूची में शामिल करने के लिए 12 जनवरी 2020 से 21 जनवरी 2021 तक का समय तय किया है. इसके बाद तैयार मतदाता सूची का अंतिम प्रकाशन 22 जनवरी को किया जाएगा.

सत्यापन कार्यक्रम का प्रचार-प्रसार अनिवार्य

Advertisement. Scroll to continue reading.

आम जनता को मतदाता सूची में संशोधन के कार्यक्रम की पूरी जानकारी मिले, इसके लिए राज्य निर्वाचन आयोग ने संबंधित अधिकारियों को मतदाता सूची के सर्वेक्षण और सत्यापन कार्यक्रम का प्रचार-प्रसार करने का निर्देश दिया है. इसमें पूरे कार्यक्रम का समाचार पत्रों में प्रकाशन और सार्वजनिक नोटिस बोर्ड के जरिए जानकारी देना शामिल है. राज्य निर्वाचन आयोग ने मतदाता सूची के सत्यापन के दौरान सभी अधिकारियों और कर्मचारियों को कोविड-19 संक्रमण रोकने के लिए जरूरी सभी सावधानियों का पालन करने के निर्देश दिए हैं. इसमें भीड़ न जुटाने, उचित दूरी रखने, हैंड सैनिटाइजर का इस्तेमाल करने जैसी सावधानियां शामिल हैं.

यूपी का पंचायत चुनाव देश में सबसे बड़ा

उत्तर प्रदेश की त्रिस्तरीय पंचायत व्यवस्था देश में सबसे बड़ी पंचायत है. यहां 75 जिला पंचायत, 821 ब्लॉक पंचायत और कुल 58 हजार 754 ग्राम पंचायतें हैं. 2015 के पंचायत चुनाव के समय 11 करोड़ 74 लाख मतदाता थे, जिनमें छह करोड़ 24 लाख पुरुष और पांच करोड़ 49 लाख महिला मतदाता शामिल थे.

पंचायत चुनाव में दलों की भागीदारी नहीं

उत्तर प्रदेश के नगरीय निकाय चुनावों में राजनीतिक दल सीधी भागीदारी करते हैं, लेकिन पंचायत चुनावों में सीधी भागीदारी से बचते हैं. हालांकि, पंचायत चुनाव में जिला अध्यक्ष और ब्लॉक प्रमुख जैसे पदों पर राजनीतिक दल प्रत्याशियों को अप्रत्यक्ष रूप से समर्थन देते हैं. राजनीतिक दलों के शामिल न होने से पंचायत व्यवस्था में राजनीतिक विपक्ष नहीं बन पाता है, जो संसदीय लोकतंत्र में शक्ति संतुलन, जवाबदेही और पारदर्शिता सुनिश्चित करने में सबसे अहम भूमिका निभाता है.

ये भी पढ़ें -  यूपी पंचायत चुनाव : चार चरणों में होगा मतदान, आरक्षण की अंतिम सूची भी जारी

पंचायतनामा

पंचायती राज चुनाव: ब्लाक प्रमुख के लिए 8 जुलाई को नामांकन की तारीख घोषित

पंचायती राज विभाग ने अपनी अधिसूचना में कहा है कि 10 जुलाई को मतदान के बाद जैसे ही मतगणना का काम पूरा होगा, तुरंत नतीजों को सार्वजनिक कर दिया जाएगा. #PanchayatElections2021 #PanchayatElections

ब्लॉक प्रमुख, पंचायती राज, पंचायत चुनाव, उत्तर प्रदेश,
Photo credit- FE

उत्तर प्रदेश के पंचायती राज विभाग ने त्रिस्तरीय पंचायत के तहत ब्लॉक प्रमुख के चुनाव के लिए अधिसूचना जारी कर दी है. इसके अनुसार, उम्मीदवार 8 जुलाई को नामांकन करा सकेंगे. इसी दिन नामांकनों की जांच की जाएगी. उम्मीदवारों को 9 जुलाई को अपना नाम वापस लेने का मौका मिलेगा. 10 जुलाई को सुबह 11 बजे से 3 बजे तक मतदान होगा, इसके बाद मतगणना की जाएगी.

पंचायती राज विभाग ने सभी जिला मजिस्ट्रेट/ निर्वाचन अधिकारियों को ब्लॉक प्रमुख के पद और आरक्षण का ब्यौरा देते हुए 5 जुलाई को सूचना प्रकाशित करने का निर्देश दिया है. इसके अलावा सभी क्षेत्र पंचायत सदस्यों को उनके अंतिम ज्ञात पते पर सूचना भेजी जाएगी और निर्वाचन कार्यक्रम को समाचार पत्रों में भी प्रकाशित कराया जाएगा.

गौरतलब है नामांकन से लेकर मतगणना की पूरी प्रक्रिया क्षेत्र पंचायत मुख्यालय पर संपन्न होगी. मदतान करने के लिए सभी उम्मीदवारों को देवनागरी में मतपत्र दिए जाएंगे. इस दौरान अवकाश होने पर भी सभी कार्यालय खुले रहेंगे.

पंचायती राज विभाग ने अपनी अधिसूचना में कहा है कि 10 जुलाई को मतदान के बाद जैसे ही मतगणना का काम पूरा होगा, तुरंत नतीजों को सार्वजनिक कर दिया जाएगा. गौरतलब है कि ब्लॉक प्रमुख का चुनाव होने के साथ उत्तर प्रदेश में त्रिस्तरीय पंचायती राज व्यवस्था का गठन पूरा हो जाएगा.

ये भी पढ़ें -  यूपी पंचायत चुनाव : सुप्रीम कोर्ट का दखल देने से इनकार, चार चरणों में होंगे चुनाव

पंचायतनामा

जानिए, ग्राम सभा की पहली बैठक में क्या-क्या काम किए जाएंगे?

अपर मुख्य सचिव, पंचायती राज, मनोज कुमार सिंह की ओर से जारी आदेश के मुताबिक, सभी जिलाधिकारियों को ग्राम सभा की पहली बैठक के बारे में पूरे ब्यौरे के साथ 28 मई तक शासन को रिपोर्ट भेजनी है.

पंचायत ग्राम सभा ग्राम प्रधान
प्रतीकात्मक तस्वीर (फाइल)

कोरोना महामारी के बीच उत्तर प्रदेश में ग्राम सभा की पहली बैठक के लिए 27 मई का समय तय किया गया है. इसी दिन से ग्राम सभा के कार्यकाल की शुरुआत मानी जाएगी. पहली बैठक की जगह पंचायत भवन और सामुदायिक भवन होगा.

उत्तर प्रदेश पंचायती राज नियमावली के नियम-31 और 32 के अनुसार, पहली बैठक के लिए स्थान की जानकारी देते हुए सभी ग्राम पंचायत सदस्यों को लिखित रूप में सूचना दी जाएगी. इसके अलावा नोटिस की एक प्रति पंचायत भवन जैसे सार्वजनिक स्थान पर भी चिपकाई जाएगी.

वहीं, न्याय पंचायत स्तर पर नामित सेक्टर प्रभारी ग्राम सभा की पहली बैठक में अनिवार्य रूप से मौजूद रहेंगे और बैठक संपन्न कराएंगे. इस बैठक में कोविड-19 के कारण पैदा हालात और इससे निपटने के उपायों पर चर्चा की जाएगी.

इस बारे में आने वाले सुझावों को एकत्रित करके सहायक विकास अधिकारी, पंचायत पंचायती राज निदेशालय के माध्यम से शासन को भेजा जायेगा. इस बैठक में कोविड प्रोटोकॉल का पूरी तरह से पालन सुनिश्चित किया जाएगा.

इसके अलावा पहली बैठक के एजेंडा में ग्राम पंचायतों की छह समितियों के गठन का प्रस्ताव किया जाएगा. इसी पहली बैठक में समितियों को गठित कराने लेने की कोशिश की जाएगी.

अपर मुख्य सचिव, पंचायती राज, मनोज कुमार सिंह की ओर से जारी आदेश के मुताबिक, सभी जिलाधिकारियों को ग्राम सभा की पहली बैठक के बारे में पूरे ब्यौरे के साथ 28 मई तक शासन को रिपोर्ट भेजनी है.

त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों के बाद 25 और 26 मई को ग्राम प्रधानों और पंचायत सदस्यों की शपथ ग्रहण कराया जा रहा है. इसमें लगभग 58 हजार से ज्यादा ग्राम प्रधान शामिल हो रहे हैं.

ये भी पढ़ें -  इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 30 अप्रैल तक पंचायत चुनाव कराने का निर्देश दिया

हालांकि, 136 ग्राम पंचायतों के प्रधानों को शपथ लेने के लिए छह महीने का इंतजार करना पड़ेगा, क्योंकि उनके यहां दो तिहाई सदस्यों का निर्वाचन नहीं हो पाया है.

Advertisement. Scroll to continue reading.

शपथ ग्रहण के लिए ग्राम प्रधान और दो-तिहाई सदस्यों का निर्वाचित होना जरूरी है. इन ग्राम पंचायतों में ग्राम सभा गठित होने तक प्रशासन काम संभालेंगे.

इस बीच उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री आदित्यनाथ ने 28 मई को सभी ग्राम प्रधानों से वर्चुअल बैठक करने का फैसला किया है.

पंचायतनामा

क्यों ग्राम प्रधान और पंचायत सदस्य पहले की तरह इस बार शपथ नहीं ले पाएंगे?

कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर के बीच होने जा रहे शपथ ग्रहण के लिए इस बात तरीके में बदलाव किया गया है. इस दौरान सभी निर्वाचित प्रतिनिधियों को कोविड प्रोटोकॉल का पालन करना होगा.

उत्तर प्रदेश में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के संपन्न होने के बाद अब ग्राम पंचायतों के गठन की प्रक्रिया शुरू हो गई है। शनिवार को पंचायती राज विभाग के अपर मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने इससे जुड़ा शासनादेश जारी किया। इस आदेश के मताबिक, 25 से 26 मई के बीच ग्राम प्रधानों और पंचायत सदस्यों को शपथ दिलाई जाएगी। वहीं, ग्राम सभा की पहली पहली बैठक के लिए 27 मई को होगी. इस पूरी कार्यवाही के लिए अधिसूचना 24 मई को जारी की जाएगी. इस अधिसूचना को हिंदी और अंग्रेजी में सभी जरूरी स्थानों पर लगाने के अलावा अखबारों में प्रकाशित कराया जाएगा.

पंचायती राज अधिनियम के मुताबिक, ग्राम पंचायत के गठन के लिए प्रधान और दो-तिहाई सदस्यों का निर्वाचित होना अनिवार्य है। इसी उल्लेख करते हुए शासनादेश में कहा गया है कि जहां भी प्रधान और दो-तिहाई सदस्य निर्वाचित हो गए हैं, वहां पर ग्राम सभा के गठन के लिए 24 मई तक अधिसूचना जारी हो जानी चाहिए। इसके बाद सक्षम अधिकारियों के सामने ग्राम पंचायत के सभी निर्वाचित प्रतिनिधि शपथ लेंगे। शासनादेश में इसके लिए 25 और 26 मई का समय तय किया गया है।

कोरोना वायरस संक्रमण के खतरे को देखते हुए इस बार शपथग्रहण के तौर-तरीके में बदलाव किया गया है। शासनादेश के मुताबिक, इस बार ग्राम प्रधानों और सदस्यों को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग या वर्चुअल माध्यम से शपथ दिलाई जाएगी। शासनादेश के मुताबिक, शपथ ग्रहण के दौरान कोविड प्रोटोकॉल का पालन किया जाएगा। इसके लिए पंचायत घर, सामुदायिक भवन, ग्राम पंचायत क्षेत्र में बने कॉमन सर्विस सेंटर जरूरी इंतजाम किए जाएंगे। इसकी जिम्मेदारी ग्राम सचिव को सौंपी गई है। उन्हें लैपटॉप और इंटरनेट का इंताजाम करना होगा.

ये भी पढ़ें -  यूपी का पंचायत चुनाव अपनी समय-सीमा से कहां चूका

शपथ ग्रहण के बाद सभी निर्वाचित प्रतिनिधि अपने शपथ पत्रों पर हस्ताक्षर करेंगे। ग्राम प्रधान जहां अपने शपथ पत्रों को पंचायती राज अधिकारी को, वहीं, ग्राम पंचायत सदस्य खंड विकास अधिकारी को सौंप देंगे, जो उन्हें सुरक्षित रखेंगे। अगर कोई सदस्य शपथ ग्रहण से इनकार करता है तो मान लिया जाएगा कि उसने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। नवगठित ग्राम पंचायतों की पहली बैठक के लिए 27 मई का समय तय किया गया है।

पंचायतनामा

UP Panchayat Chunav 2021 : नामांकन पत्र के साथ कौन-कौन से दस्तावेज लगाने जरूरी है?

उत्तर प्रदेश में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के लिए नामांकन की प्रक्रिया शुरू हो गई है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि नामांकन पत्र के साथ कौन-कौन से दस्तावेज देने जरूरी हैं. पढ़िए ये खबर…

पंचायत चुनाव, नामांकन पत्र, उत्तर प्रदेश
Photo credit- Pixabay

उत्तर प्रदेश में तमाम कानूनी अड़चनों व बाधाओं के बाद पहले चरण के तहत 18 जिलों में पंचायत चुनाव-2021 (UP Panchayat chunav 2021) के लिए नामांकन प्रक्रिया शुरू हो गई है. उम्मीदवार ग्राम पंचायत सदस्य, ग्राम पंचायत प्रधान, क्षेत्र पंचायत सदस्य और जिला पंचायत सदस्य के लिए नामांकन पत्र भर रहे हैं. उम्मीदवारों के लिए अपने नामांकन पत्र के साथ ग्राम पंचायत, क्षेत्र पंचायत, जिला पंचायत से लिया गया नो-ड्यूज सर्टिफिकेट, जाति प्रमाण-पत्र (आरक्षित श्रेणी का उम्मीदवार होने पर), जमानत धनराशि जमा करने का चालान या 385-शासकीय रसीद की मूल प्रति, निर्वाचक नामावली (वोटर लिस्ट) की स्वप्रमाणित प्रति (उम्मीदवार और प्रस्तावक दोनों की), संगलग्न-1 (क) यानी आपराधिक/शैक्षिक/चल-अचल सम्पत्ति का घोषणा पत्र और उम्मीदवार का पासपोर्ट साइज फोटो जमा करना अनिवार्य है.

बैंक खाते का ब्यौरा देना जरूरी

ग्राम पंचायत सदस्यों को अपने नामांकन पत्र के साथ प्रारूप ‘अ’, जबकि ग्राम प्रधान, क्षेत्र पंचायत सदस्य और जिला पंचायत सदस्य के उम्मीदवारों के लिए प्रारूप ‘ब’ के अनुरूप घोषणा पत्र भी देना होगा. इसके अलावा ग्राम प्रधान, क्षेत्र पंचायत और जिला पंचायत सदस्य पद के उम्मीदवारों को अपने चुनाव प्रचार खर्च के लिए खोले गये बैंक खाते का ब्यौरा भी नामांकन पत्र के साथ देना होगा. चुनाव आयोग ने पंचायत चुनाव में प्रत्याशियों के खर्च पर निगरानी रखने के लिए समितियों का गठन किया है. यह समितियां चुनाव खत्म होने के बाद उम्मीदवारों के खर्च की जांच करेंगी. जिन उम्मीदवारों का खर्च तय सीमा से ऊपर पाया जाएगा, उनकी जुर्माने के तौर पर जमानत राशि को जब्त कर लिया जाएगा.

व्यक्तिगत आरोपों की छूट नहीं 

ये भी पढ़ें -  भीम आर्मी ने भी यूपी के पंचायत चुनाव में उतरने का ऐलान किया

त्रिस्तरीय पंचायत सामान्य निर्वाचन-2021 को स्वतन्त्र, निष्पक्ष और पारदर्शी बनाने के लिए राज्य निर्वाचन आयोग उत्तर प्रदेश ने सामान्य आचार संहिता के निर्देश जारी किये हैं. इसके तहत सभी उम्मीदवारों और उनके प्रतिनिधियों पर चुनाव के दौरान ऐसी कोई बात किसी भी रूप में नहीं कहेंगे या लिखेंगे, जिससे किसी धर्म, संप्रदाय, जाति या सामाजिक वर्ग व उम्मीदवार/राजनीतिक दल या कार्यकर्ताओं की भावना चोटिल होती हो या कोई तनाव पैदा होता हो. हालांकि, किसी उम्मीदवार की उनकी नीतियों, कार्यक्रमों, पहले के इतिहास और सार्वजनिक कार्यों के आधार पर आलोचना की जा सकती है. लेकिन इसमें किसी उम्मीदवार के व्यक्तिगत जीवन से सम्बन्धित पक्ष शामिल नहीं होगा.

धार्मिक स्थलों के इस्तेमाल पर रोक

लोगों का वोट पाने के लिए किसी भी तरह से जातीय, साम्प्रदायिक और धार्मिक भावनाओं का प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से सहारा नहीं लिया जाएगा. इसी तरह पूजा स्थलों जैसे मन्दिर, मस्जिद, गिरजाघर और गुरूद्वारा इत्याति का चुनाव के दौरान प्रचार या अन्य चुनावी कार्य के लिए इस्तेमाल नहीं किया जाएगा.

लालच, डर, धमकी आचार संहिता के खिलाफ

Advertisement. Scroll to continue reading.

इसके साथ किसी की चुनावी सभा में गड़बड़ी करना या करवाना, मतदाताओं को रिश्वत देकर या डरा धमकाकर या आतंकित करके अपने पक्ष में मत देने के लिए प्रभावित करना या चुनाव की प्रकिया के दौरान किसी भी के नशीले पदार्थ को बांटने पर भी रोक लगाई गई है. त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव-2021 के लिए उत्तर प्रदेश राज्य निर्वाचन आयोग की ओर से जारी आचार संहिता सभी पर बाध्यकारी है. इसमें चुनाव के दौरान किसी अन्य उम्मीदवार के खिलाफ धरना-प्रदर्शन, पुतला दहन करने जैसे कार्यों पर भी रोक लगाई गई है.

ये भी पढ़ें -  यूपी पंचायत चुनाव : चार चरणों में होगा मतदान, आरक्षण की अंतिम सूची भी जारी

निजी क्षेत्र के इस्तेमाल पर अनुमति लेनी जरूरी

इतना ही नहीं, चुनाव प्रचार के दौरान कोई भी उम्मीदवार, चुनाव कार्यकर्ता/एजेन्ट को झंडा लगाने, झंडिया टांगने, बैनर लगाने के लिए किसी व्यक्ति की भूमि, भवन, अहाते, दीवार का उपयोग करने से पहले उसकी अनुमति लेनी होगी. इसके अलावा किसी भी शासकीय/सार्वजनिक स्थल, भवन, परिसर पर विज्ञापन, वाल राइटिंग, कटआउट, होर्डिंग, बैनर लगाने या उसे गंदा करने पर पूर्ण पाबंदी है.

शर्तों के साथ लाउडस्पीकर का इस्तेमाल

चुनाव प्रचार में गाड़ियों का इस्तेमाल करने के लिए सभी उम्मीदवारों को जिला प्रशासन से अनुमति लेनी होगी. इसके अलावा रात 10 बजे से सुबह 6 बजे तक लाउडस्पीकर या साउंड बॉक्स का इस्तेमाल भी प्रतिबंधित है. इसके अलावा टीवी चैनल, केबिल नेटवर्क/वीडियो वाहन या रेडियो से प्रचार या विज्ञापन करने से पहले जिला प्रशासन की अनुमति लेनी होगी.

मुद्रक प्रकाशक का नाम होना जरूरी

आचार संहिता के तहत कोई भी मुद्रक या प्रकाशक या कोई अन्य व्यक्ति कोई भी ऐसी प्रचार सामग्री ऐसी किसी पत्र-पत्रिका में प्रकाशित नहीं करेगा, जिसके मुख्य पृष्ठ पर उसके मुद्रक व प्रकाशक का नाम और पता न हो. इसमें फोटोग्राफी भी शामिल होगी. इसके अलावा बिना उम्मीदवार की अनुमति के कोई व्यक्ति उसके पक्ष में विज्ञापन या प्रचार सामग्री प्रकाशित नहीं करेगा.

कोरोना संक्रमित करा सकते हैं नामांकन

इसके अलावा कोरोना संकट को देखते हुए नामांकन प्रक्रिया के दौरान सभी एहतियाती उपायों को मानना भी अनिवार्य बनाया गया है. इसमें मास्क लगाने, हाथ धोने व सैनेटाइज करना शामिल है. प्रशासन ने कोविड संक्रमित व्यक्ति को भी नामांकन कराने की छूट दी है. वह प्रस्तावक या किसी अन्य व्यक्ति को इसके लिए अधिकृत करते हुए अपना नामांकन प्रस्तुत कर सकता है.

Advertisement. Scroll to continue reading.
ये भी पढ़ें -  यूपी पंचायत चुनाव : सुप्रीम कोर्ट का दखल देने से इनकार, चार चरणों में होंगे चुनाव

चरण 1

पहले चरण में जिन 18 जिलों में नामांकन प्रक्रिया (nomination process) शुरू हुई है, उनमें गाजियाबाद (Ghaziabad), सहारनपुर (Saharanpur), रामपुर (Rampur), बरेली (Bareilly), हाथरस (Hathras), आगरा (Agra), कानपुर सिटी (Kanpur City), झांसी (Jhansi), महोबा (Mahoba), प्रयागराज (Prayagraj), रायबरेली (Raebareli), हरदोई (Hardoi), अयोध्या (Ayodhya), श्रावस्ती (Shravasti) , संत कबीर नगर (Sant Kabir Nagar), गोरखपुर (Gorakhpur), जौनपुर (Jaunpur) और भदोही (Bhadohi) जिले शामिल हैं.