राज्य सभा में पर्यटन मंत्रालय के कामकाज पर चर्चा के दौरान सांसद के आर सुरेश रेड्डी ने कम बजट आवंटित होने का सवाल उठाया. उन्होंने कहा कि कोरोना काल में पर्यटन मंत्रालय सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ है, लेकिन इस मंत्रालय को जो मदद मिलनी चाहिए थी, वह बजट में कहीं दिखाई नहीं देती है. उन्होंने यह भी कहा कि नीति आयोग और स्थाई समिति की रिपोर्ट के मुताबिक पर्यटन क्षेत्र का भारत की जीडीपी में पांच फीसदी का योगदान है और इससे लगभग 13 फीसदी नौकरियां जुड़ी हैं, इसमें लगभग नौ करोड लोग प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष तरीके से रोजगार पाते हैं.
विभिन्न मंत्रालयों में तालमेल का सुझाव
सांसद के आर सुरेश रेड्डी ने कहा कि सारे तथ्य इस बात के लिए आंख खोलने वाले हैं कि पर्यटन मंत्रालय और इसका योगदान देश के विकास में कितना महत्वपूर्ण है. उन्होंने आगे कहा कि बजट में पर्यटन मंत्रालय को सिर्फ 2,027 करोड़ रुपये ही मिले हैं, जो मोटा-मोटी कुल बजट खर्च का 0.06 फ़ीसदी है. राज्य सभा सांसद ने देश में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न विभागों के बीच तालमेल लाने का सुझाव दिया. उन्होंने यह भी कहा कि इस मामले में कैबिनेट के समर्थन की भी जरूरत पड़ेगी और प्रधानमंत्री की दखल से इसके अच्छे नतीजे आ सकते हैं.
लोक उद्यम और एलआईसी नहीं, पर्यटन को बेचने की सलाह
संसद के आर सुरेश रेड्डी ने कहा, ‘मैं सरकार को सलाह दूंगा कि लोक उद्यमों को बेचने की जगह, एलआईसी को बेचने के बजाए आप भारतीय पर्यटन को क्यों नहीं बेचते, वहां पर आप सचमुच पैसा हासिल कर पाएंगे. प्रधानमंत्री को राजी करें, उन्हें पर्यटन का चेहरा बनाएं ताकि पर्यटन मंत्रालय को इसका लाभ मिल सके.’
‘जंगल में मोर नाचा किसने देखा?’
इसी क्रम में संसद के आर सुरेश रेड्डी ने कहा, “अगर मैं एक गाने का उल्लेख करूं, जो मैं बचपन में सुनता था – जंगल में मोर नाचा किसने देखा किसने देखा, और अगर आज आप इसे देखेंगे तो सुनेंगे- मैंने देखा, मैंने देखा. मगर ‘प्रधानमंत्री के बाग में मोर नाचा, किसने देखा, किसने देखा? सबने देखा, सबने देखा.” उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री को चेहरा बनाने से पर्यटन मंत्रालय और पर्यटन विभाग को फायदा मिलेगा. अपनी इस बात के साथ सांसद के आर सुरेश रेड्डी ने स्पष्ट किया कि उन्होंने अपनी बात भले ही थोड़े मजाकिया अंदाज में कही हो, लेकिन इसका मकसद किसी पद का अनादर करना नहीं है.
राष्ट्रीय पर्यटन बोर्ड बनाने का सुझाव
सांसद के यार सुरेश रेड्डी ने पर्यटन क्षेत्र को मजबूत बनाने के लिए कई सुझाव भी दिए. उन्होंने कहा कि सरकार को टूरिज्म एसोसिएशंस से मिले सुझावों पर गौर करना चाहिए, खास तौर पर एक सशक्त राष्ट्रीय पर्यटन बोर्ड बनाना चाहिए. इसमें निजी क्षेत्र के प्रतिनिधियों के साथ-साथ पेशेवर लोगों को भी जगह मिले. नीति आयोग के हवाले से उन्होंने आगे कहा कि भारत आने वाले विदेशी पर्यटकों की संख्या 1.23 फ़ीसदी है, जो तीन फ़ीसदी तक बढ़ सकती है, सरकार 80 करोड़ रुपये प्रोत्साहन पर खर्च करना चाहती हैं लेकिन नीति आयोग के मुताबिक स्टाफ इस काम के लिए सक्षम ही नहीं है. अपने भाषण के अंत में राज्य सभा सांसद ने कहा कि पर्यटन मंत्रालय को पर्यटन क्षेत्र में बदलाव लाने के लिए संसद की स्थाई समिति की रिपोर्ट, नीति आयोग की टिप्पणी और रिपोर्ट पर ध्यान देना चाहिए.
बीते साल प्रधानमंत्री ने मोर के साथ अपनी तस्वीरें और वीडियो को सोशल मीडिया पर साझा किया था, जो 27 लाख बार देखा जा चुका है.
भोर भयो, बिन शोर,
मन मोर, भयो विभोर,
रग-रग है रंगा, नीला भूरा श्याम सुहाना,
मनमोहक, मोर निराला।रंग है, पर राग नहीं,
विराग का विश्वास यही,
न चाह, न वाह, न आह,
गूँजे घर-घर आज भी गान,
जिये तो मुरली के साथ
जाये तो मुरलीधर के ताज। pic.twitter.com/Dm0Ie9bMvF— Narendra Modi (@narendramodi) August 23, 2020