पेट्रोल और डीजल की बढ़ती कीमतें औसत आमदनी वालों की जेब में सुराख कर रही हैं. इसके अप्रत्यक्ष प्रभावों के चलते खाने-पीने से लेकर आवाजाही तक सब कुछ महंगा हो रहा है. वह भी इस वक्त में, जब लोगों की आमदनी आर्थिक मंदी की भेंट चढ़ी हुई है. पेट्रोल-डीजल आखिर इतना महंगा कैसे हुआ, यह सोमवार को लोकसभा में सांसद राम मोहन नायडू किंजरापू ने पूछा. उन्होंने जानकारी मांगी कि क्या सरकार को इस बात की जानकारी है कि इस समय पेट्रोल और डीजल की कीमतें अब तक की सबसे ऊंचाई पर हैं? उन्होंने दूसरा सवाल किया कि केंद्र और राज्य सरकारों, विशेषकर आंध्र प्रदेश राज्य सरकार, ने पेट्रोल और डीजल पर बीते एक साल में कुल कितना टैक्स बढ़ाया है?
एक साल में दोगुना हुआ केंद्रीय उत्पाद शुल्क
लोक सभा सांसद राम मोहन नायडू किंजरापू के सवालों का जवाब केंद्रीय पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने दिया. पेट्रोल और डीजल पर लगने वाले टैक्स की जानकारी देते हुए उन्होंने कहा कि पेट्रोल और डीजल पर सीमा शुल्क की दर 2.5% है, जबकि सीमा शुल्क पर समाज कल्याण सेस को 3% से बढ़ाकर 10% किया गया है.
केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने यह भी बताया कि पेट्रोल और डीजल पर केंद्रीय उत्पाद शुल्क को बढ़ाया गया है. उन्होंने कहा कि केंद्रीय उत्पाद शुल्क 1 मार्च, 2020 को प्रति लीटर पेट्रोल पर 19.98 रुपये और प्रति लीटर डीजल पर 15.83 रुपये था, जो 1 साल बाद यानी 1 मार्च, 2021 को पेट्रोल पर 32.90 रुपये प्रति लीटर और डीजल पर 31.80 रुपये प्रति लीटर हो गया.
पेट्रोल-डीजल पर वैट भी ज्यादा
वैट की जानकारी देते हुए केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने बताया कि आंध्र प्रदेश में 1 मार्च 2021 को पेट्रोल पर प्रति लीटर 31 फीसदी वैट और डीजल पर 22.24 फीसदी वैट था और इसके साथ दोनों पर 5 रुपये प्रति लीटर सेस लग रहा है. लेकिन एक साल पहले पेट्रोल पर 31 फीसदी और डीजल पर 22.24 फीसदी वैट लगता था. इसके साथ लगने वाला सेस पेट्रोल पर 2.76 रुपए प्रति लीटर और डीजल पर 3.07 रुपए प्रति लीटर था.
तेल कंपनियां तय करती हैं दाम
केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने बताया कि सरकार ने पेट्रोल को 26 जून 2010 और डीजल को 19 अक्टूबर 2014 से बाजार निर्धारित बना दिया है, तब से सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियां अंतरराष्ट्रीय मूल्य, विनिमय दर, टैक्स और भाड़े व दूसरे खर्चों को जोड़कर पेट्रोल और डीजल के दाम तय करती हैं. पेट्रोलियम उत्पादों के मूल्य अंतरराष्ट्रीय बाजार में संबंधित उत्पादों के मूल्य से जुड़े हुए हैं.
चुनाव के दौरान दाम क्यों नहीं बढ़ते
सरकार के इन आंकड़ों से साफ है कि पेट्रोल और डीजल इस समय एक तरह से कर उगाही का जरिया बन गए हैं. यही वजह है कि कच्चे तेल के दाम अंतरराष्ट्रीय बाजार में भले ही गिर जाए, लेकिन देश में पेट्रोल-डीजल के दाम नहीं घटते हैं. सवाल यह भी है कि अगर तेल कंपनियां अंतरराष्ट्रीय दाम के आधार पर पेट्रोल-डीजल की कीमत तय कर रही हैं तो चुनावों के दौरान इनमें दैनिक बढ़ोतरी कैसे रुक जाती है? अगर यह कंपनियों का ही फैसला है तो इस दौरान उन्हें होने वाले घाटे की भरपाई कैसे होती है?
Ram Mohan Naidu Kinjarapu asked starred question (NO. 370) to minister of petroleum and natural gas in Lok Sabha: (1)Whether the Government is aware that petrol and diesel prices are all time high; and (2) the total amount of tax levied and increased by the Central Government and the State Governments on petrol and diesel particularly by the State of Andhra Pradesh during the last one year?
Minister of petroleum and natural gas Dharmendra Pradhan replied, Prices of petrol and diesel have been made market-determined by the Government with effect from 26.06.2010 and 19.10.2014 respectively. Since then, the Public Sector Oil Marketing Companies (OMCs) take appropriate decision on pricing of petrol and diesel in line with their international product prices, exchange rate, tax structure, inland freight and other cost elements. The prices of petroleum products in the country are linked to the price of respective products in the international market. The details of taxes levied by Central Government and the State Governments on petrol, diesel between March, 2020 to March, 2021 are given below:
1. Customs duty: The Customs duty rates on petrol, diesel remains same at 2.5% and social welfare surcharge on custom duty has been increased from 3% to 10%.
2. Excise duty: The Central Excise duty rates on petrol and diesel as on 01.03.20 were Rs. 19.98/litre and Rs. 15.83/litre respectively and as on 01.03.2021 Rs. 32.90/litre and Rs. 31.80/litre respectively.