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चुनाव

बेलगाम लोक सभा उपचुनाव : कांग्रेस ने प्रदेश पार्टी अध्यक्ष को उतारा

बेलगाम लोक सभा उपचुनाव में कांग्रेस उम्मीदवार सतीश जारकीहोली के मुकाबले भाजपा ने मंगला अंगड़ी को मैदान में उतारा है.

बेलगाम लोक सभा उपचुनाव
Photo credit- Satish Jarkiholi Twitter

कांग्रेस ने बेलगाम लोक सभा उपचुनाव (Belgaum Lok Sabha bye-election) को लेकर उम्मीदवार का ऐलान कर दिया है. पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी की मंजूरी के बाद सतीश जाराकीहोली (Satish Jarakiholi) बेलगाम लोकसभा संसदीय क्षेत्र से पार्टी के उम्मीदवार होंगे. शुक्रवार को पार्टी के प्रभारी महासचिव मुकुल वासनिक ने प्रेस रिलीज जारी कर इसकी जानकारी दी. सतीश जाराकीहोली कर्नाटक कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष हैं. इससे पहले भाजपा पूर्व केंद्रीय रेल राज्य मंत्री सुरेश अंगड़ी (Suresh Angadi) की पत्नी मंगला अंगड़ी (Mangala Angadi) को अपना उम्मीदवार घोषित कर चुकी है.

सिंतबर, 2020 में कोरोना वायरस संक्रमण के चलते सांसद सुरेश अंगड़ी की मौत हो गई थी. इसके बाद लगभग पांच महीने से बेलगाम लोकसभा सीट खाली है. संवैधानिक प्रावधान के मुताबिक किसी लोकसभा या विधानसभा की सीट खाली होने पर छह महीने के भीतर वहां पर उपचुनाव करवाना जरूरी होता है. इस प्रावधान के मुताबिक, 16 मार्च, 2021 को चुनाव आयोग (Election Commission) ने कर्नाटक सहित 12 राज्यों में लोकसभा और विधानसभा की खाली सीटों के लिए उपचुनाव की तारीखों का एलान किया था. इनमें कर्नाटक की एक लोकसभा सीट के साथ दो विधासभा सीटें- बासवकल्याण और मास्की शामिल हैं. इन सीटों पर 17 अप्रैल को मतदान होना है.

लिंगायत बाहुल्य बेलगाम लोक सभा सीट पर उपचुनाव को कांग्रेस के लिए मुश्किल माना जा रहा है. यहां लिंगायत समुदाय के तीन लाख से ज्यादा वोटर हैं. चूंकि, सतीश जारकीहोली नायक/बाल्मीकि समुदाय से आते हैं, इसलिए उन्हें लिंगायत और मराठा मतदाताओं का समर्थन मिलने की उम्मीद कम ही मानी जा रही है.

वहीं, बीजेपी को सुरेश अंगडी की पत्नी के मैदान में होने से मतदाताओं की सहानुभूति मिलने की उम्मीद है. हालांकि, माना जा रहा था कि बीजेपी मंगला अंगड़ी को टिकट नहीं देगी, क्योंकि इससे उसका वंशवाद की राजनीतिक के खिलाफ पक्ष कमजोर होता है. इसी आधार पर उसने 2019 के लोक सभा चुनाव में दिवंगत केंद्रीय मंत्री एच एन अनंथ कुमार की पत्नी तेजस्विनी का टिकट काट दिया था. लेकिन इस उपचुनाव में वंशवाद के खिलाफ अपने बनाए नियम को नहीं माना है तो इसकी वजह उपचुनाव में सहानुभूति के वोटों को भुनाना है.

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चुनाव

पश्चिम बंगाल चुनाव : केंद्रीय बलों की फायरिंग में चार लोगों की मौत

प्रशासनिक अधिकारी फायरिंग को सुरक्षा बलों की ओर से आत्मरक्षा में उठाया गया कदम बता रहे हैं, जबकि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने चुनाव आयोग पर झूठ बोलने का आरोप लगाया है. पढ़िए पूरी खबर…

पश्चिम बंगाल, पुलिस फायरिंग,
Photo credit- Pixabay

पश्चिम बंगाल में चौथे चरण के मतदान के दौरान कूचबिहार जिले में केंद्रीय बलों की फायरिंग में चार लोगों की मौत हो गई है. समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, शनिवार को स्थानीय लोगों से घिरने के बाद सीआईएसएफ ने गोलियां चलाई, जिसमें चार लोगों की मौत हो गई. इस घटना के बाद चुनाव आयोग ने वोटिंग रोक दी है.

रिपोर्ट के मुताबिक, एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि यह घटना सीतलकूची में हुई जहां चौथे चरण में मतदान चल रहा था. उन्होंने बताया कि एक गांव में अपने ऊपर हमला होने के बाद सीआईएसएफ जवानों ने गोली चलाई, जिसमें चार लोग मारे गए. पुलिस अधिकारी ने आगे कहा, ‘हमारी जानकारी में उन्होंने आत्म रक्षा में गोलियां चलाई हैं.’ निर्वाचन अधिकारियों ने इस घटना पर जिले के अधिकारियों से रिपोर्ट मांगी है. प्रदेश की सत्ताधारी पार्टी टीएमसी ने गोलीबारी में मारे गए चार लोगों को अपना कार्यकर्ता बताया है.

रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से बताया गया है कि सीतलकूची के माथाभंगा इलाके में मतदान के दौरान टीएमसी और भाजपा कार्यकर्ताओं के बीच टकराव शुरू हो गया. इन्हीं में से कुछ लोगों ने एक मतदान केंद्र के बाहर सीआईएसएफ जवानों का घेराव कर दिया और उनकी राइफलें छीनने की कोशिश कीं, जिसके बाद यह घटना हुई.

भाजपा के कूचबिहार से सांसद नितिश प्रमाणिक ने टीएसमी समर्थकों पर बूथ पर हमला करने का आरोप लगाया है. वहीं, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की है. पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, उन्होंने सीआईएसएफ पर सीतलकूची में पंक्तिबद्ध खड़े मतदाताओं पर गोलियां चलाने का आरोप लगाया है.

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मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने दावा किया कि केंद्रीय बलों के ‘अत्याचार’ को देखकर उन्हें काफी समय से ऐसा कुछ होने की आशंका थी. उन्होंने कहा, ‘इतने लोगों को मारने के बाद वे (निर्वाचन आयोग) कह रहे हैं कि आत्मरक्षा में गोलीबारी की गई. उन्हें शर्म आनी चाहिए. यह एक झूठ है.’ उन्होंने कहा कि अब तक 17-18 लोग मारे जा चुके हैं, जिनमें कम से कम 12 लोग टीएमसी के कार्यकर्ता है.

इस घटना से पहले सुबह सीतलकूची निर्वाचन क्षेत्र में ही एक मतदान केंद्र के बाहर अज्ञात लोगों ने पहली बार वोट डालने आए एक युवक की गोली मारकर हत्या कर दी थी.

सीपीआई(एम) नेता सीताराम येचुरी ने पुलिस फायरिंग की निंदा करते हुए मामले की जांच कराने की मांग की है. उन्होंने ट्विटर पर लिखा कि चुनाव आयोग को तत्काल इसकी उच्चस्तरीय जांच करानी चाहिए और दोषियों को सख्त सजा देनी चाहिए.

चुनाव

पश्चिम बंगाल : नंदीग्राम में तृणमूल कांग्रेस के 28 बूथ एजेंट ‘गायब’

पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण के मतदान के दौरान नंदीग्राम विधानसभा क्षेत्र में भाजपा और सीपीएम के एजेंट भी 30 बूथों पर नहीं दिखे, लेकिन इसकी अलग-अलग वजह रही. पढ़िए ये खबर…

Mamata Banerjee, तृणमूल कांग्रेस, पश्चिम बंगाल चुनाव
Photo Credit- ANI Twitter

पश्चिम बंगाल चुनाव-2021 में सबकी नजरें नंदीग्राम विधानसभा सीट पर है. इस सीट पर राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का सीधा मुकाबला उनके पूर्व सहयोगी शुभेंदु अधिकारी से है, जिन पर भाजपा ने अपना दांव लगाया है. बीते गुरुवार को दूसरे चरण के तहत मतदान पूरा हुआ. अब दोनों ही उम्मीदवारों की राजनीतिक भविष्य का फैसला ईवीएम में कैद हो चुका है.

हालांकि, इन सबके बीच सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस के लिए नंदीग्राम में मतदान के दौरान असहज स्थिति पैदा हो गई. अंग्रेजी अखबार द टेलिग्राफ के मुताबिक पार्टी 28 पोलिंग बूथों पर अपने प्रतिनिधि को नियुक्त करने में विफल रही. बताया जाता है कि गुरुवार को मतदान शुरू होने से पहले ही ये एजेंट गायब पाए गए. किसी चुनाव में बूथों पर तैनात राजनीतिक पार्टी के एजेंट की महत्वपूर्ण भूमिका होती है. अगर मतदान के दौरान कुछ एजेंट कुछ गड़बड़ी पाता है, तो वह इसकी शिकायत चुनाव आयोग से कर सकता है. किसी एक पार्टी के एजेंट की गैर-मौजूदगी में यह संभव है कि दूसरी पार्टी को अनुचित फायदा मिल जाए.

वहीं, तृणमूल कांग्रेस के एक नेता ने आरोप लगाया है कि इस बात के कुछ सबूत हैं कि ये सभी एजेंट भाजपा के डर से बूथ पर नहीं पहुंचे हैं. द टेलिग्राफ की रिपोर्ट के मुताबिक तृणमूल कांग्रेस के बूथ एजेंटों के गायब होने की बात गुरुवार सुबह उस वक्त सामने आई जब बोयल गांव स्थित बूथ संख्या 7 पर नियुक्त पार्टी एजेंट- मृणाल बारीक अपने घर से गायब मिला. नंदीग्राम पुलिस स्टेशन पर नियुक्त प्रभारी आईपीएस अधिकारी नागेंद्रनाथ त्रिपाठी को मृणाल की पत्नी ने बताया कि पेशे से नाई उनके पति बाहर काम पर गए हैं.

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उधर, एक और गायब तृणमूल एजेंट की मां ने बताया, ‘भाजपा के नेताओं ने हमें पोलिंग बूथ के करीब न जाने की धमकी दी थी. मैं डर गई थी और अपने बेटे को बूथ पर नहीं जाने दिया.’ इस बारे में ममता बनर्जी के पोलिंग एजेंट शेख सूफियान ने इस बात से इनकार किया है कि उनके एजेंटों को भाजपा ने ‘खरीद’ लिया है. उनका कहना है कि वे केवल डरे हुए हैं.

वहीं, तृणमूल के एक नेता ने इस बात का उल्लेख किया कि बीती 23 मार्च को ममता बनर्जी ने पुरुलिया की एक जनसभा में भाजपा पर गंभीर आरोप लगाया. तृणमूल सुप्रीमो ने कहा कि उनके कुछ पोलिंग एजेंटों को चुनाव के दिन भाजपा के लिए काम करने के बदले पांच लाख रुपये देने की पेशकश की गई थी.

उधर, भाजपा और सीपीएम ने भी अलग-अलग कारणों से 58 में से 30 बूथों पर अपने एजेंटों को तैनात नहीं किया. द टेलिग्राफ ने सूत्रों के हवाले से बताया कि भाजपा ने अल्पसंख्यक बहुल इलाके में अपने एजेंटों की नियुक्ति नहीं की. वहीं, सीपीएम की संगठनात्मक शक्ति कम हो गई है.’

चुनाव

असम : भाजपा उम्मीदवार की कार से ईवीएम मिली

भाजपा उम्मीदवार की कार में ईवीएम मिलने पर कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने सवाल उठाया और सख्त कार्रवाई की मांग की. लेकिन इस पर भाजपा सांसद ने क्या सफाई दी, पढ़िए ये खबर…

असम में ईवीएम, विधानसभा चुनाव
असम में बीजेपी उम्मीदवार की कार से मिली ईवीएम

लोकसभा और विधानसभा के चुनावों में इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम- EVM) को लेकर राजनीतिक दलों के बीच आरोप-प्रत्यारोप की खबरें लगातार आती रहती हैं. अब पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव (Election) में भी ईवीएम एक बार फिर सुर्खियों में आ गया है. खबरों के मुताबिक गुरुवार को असम (Assam) के करीमगंज (Karimganj) में दूसरे चरण के मतदान के कुछ घंटे बाद एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया. इसमें एक कार में ईवीएम रखी दिखाई दे रही है. दूसरे चरण के मतदान के तहत असम की कुल 126 विधानसभा सीटों में से 39 पर मतदान हुए थे.

उधर, शुरुआती जांच में यह पाया गया है कि यह कार पाथरकांडी विधानसभा क्षेत्र के भाजपा (BJP) उम्मीदवार कृष्णेंदु पॉल (Krishnendu Paul) की है. इस वीडियो को सबसे पहले असम स्थित पत्रकार अतानु भूयान ट्वीट किया था. उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा, ‘ब्रेकिंग : पाथरकांडी भाजपा उम्मीदवार कृष्णेंदु पॉल की कार में ईवीएम मिलने पर स्थिति तनावपूर्ण.’

इसके बाद कांग्रेस (Congress) ने इस मामले को लेकर भाजपा को निशाने पर लिया है. कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा (Priyanka Gandhi Vadra) ने ट्वीट कर कहा, ‘हर बार चुनाव के दौरान ईवीएम को ले जाते हुए निजी गाड़ियां दिखती हैं. इनमें कई चीजें एक जैसी होती हैं. 1. ये गाड़ियां आमतौर पर भाजपा उम्मीदवार या उनके सहयोगियों की होती हैं. 2. इस तरह के वीडियो को एक घटना के रूप में लिया जाता है और इसके बाद खारिज कर दिया जाता है. 3. भाजपा अपने मीडिया तंत्र का इस्तेमाल कर संबंधित वीडियो को सामने लाने वाले पर ही आरोप लगाने में करती है.’ कांग्रेस महासचिव ने आगे कहा कि यह तथ्य है कि इस तरह की कई घटनाएं दर्ज होती हैं, लेकिन इन पर कोई कार्रवाई नहीं होती.

वहीं, प्रियंका गांधी वाड्रा ने चुनाव आयोग से इस मामले पर सख्त कार्रवाई करने को कहा है. साथ ही, सभी राष्ट्रीय दलों से ईवीएम के इस्तेमाल की एक गंभीर पुनर्मूल्यांकन की भी मांग की. उधर, चुनाव आयोग ने करीमगंज के जिला निर्वाचन अधिकारी से तत्काल रिपोर्ट तलब की है.

उधर, सिलचर से भाजपा सांसद डॉ. राजदीप रॉय का कहना है कि उम्मीदवार का भाई नीलमबाजार से करीमगंज जाने वाली सड़क पर फंसे हुए चुनाव अधिकारियों की मदद कर रहा था. उन्होंने आगे ट्वीट कर कहा, ‘ईवीएम (संख्या 149) आरोपित उम्मीदवार के निर्वाचन क्षेत्र से संबंधित नहीं है. मैं प्रियंका गांधी जी से अनुरोध करता हूं कि वे चुनाव आयोग को उनका काम बताने से पहले कृपया तथ्यों की जांच कर लें.’

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न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक, चुनाव आयोग ने इस मामले में चार चुनाव अधिकारियों को निलंबित कर दिया है. इसके अलावा संबंधित पोलिंग बूथ पर दोबारा मतदान कराने का आदेश दिया है और इस मामले में एफआईआर दर्ज कराने की उम्मीद की जा रही है.

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चुनाव

तमिलनाडु में दिल्ली से निशानेबाजों को बुलाया जा रहा है : कनिमोझी

तमिलनाडु विधानसभा चुनाव से पहले डीएमके सांसद कनिमोझी ने कहा कि भाजपा में कई बेटे और बेटियां हैं, लेकिन इसके बारे में कोई बात नहीं करता.

कनिमोझी, Kanimozhi twitter, तमिलनाडु विधानसभा चुनाव
Photo credit- Kanimozhi Twitter

राजनीतिक पार्टियों में परिवारवाद को लेकर थूथुक्कडी लोकसभा सीट से डीएमके (DMK) सांसद और पार्टी की महिला शाखा की सचिव कनिमोझी (Kanimozhi) ने भाजपा पर निशाना साधा है. उन्होंने तमिलनाडु विधानसभा चुनाव के लिए सभी 234 सीटों पर छह अप्रैल को होने वाले मतदान से पहले अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस के साथ बातचीत की. इसमें उन्होंने कहा, ‘भाजपा में कई बेटे और बेटियां हैं. लेकिन इसके बारे में कोई बात नहीं करता. क्यों केवल क्षेत्रीय और अन्य पार्टियों को निशाना बनाया जाता है?’

कनिमोझी ने भाजपा पर दिल्ली से तमिलनाडु की अन्नाद्रमुक (AIADMK) सरकार को चलाने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा, ‘भाजपा कोई बड़ी खिलाड़ी नहीं है. लेकिन तमिलनाडु में भाजपा द्वारा प्रतिनिधि (प्रॉक्सी) सरकार चलाई जा रही है. इसलिए हम सीधे तौर पर भाजपा पर हमलावर हैं. यह अन्नाद्रमुक की सरकार है, लेकिन निशानेबाजों को दिल्ली से बुलाया जा रहा है. इसे देखते हुए हमारे पास सरकार के असली मालिक पर हमला करने के अलावा और कोई उपाय नहीं है.’ तमिलानाडु विधासभा चुनाव -2021 में अन्नाद्रमुक की सहयोगी भाजपा कुल 234 में से 20 सीटों पर लड़ रही है.

इसी बातचीत में कनिमोझी (Kanimozhi) ने अन्नाद्रमुक और भाजपा के अलावा चुनाव लड़ने वाली अन्य पार्टियों पर भी निशाना साधा. उन्होंने इस बात से इनकार किया कि ये सभी पार्टियां अन्नाद्रमुक सरकार विरोधी मतों में सेंध लगा पाएंगी. डीएमके सांसद ने कहा, ‘इनमें से कुछ पार्टियां अन्नाद्रमुक की मदद करने के लिए चुनावी मैदान में हैं. इसके बारे में मेरे पास कोई सबूत नहीं है. लेकिन सभी कह रहे हैं कि ये अन्नाद्रमुक-भाजपा प्रायोजित हैं.’

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कनिमोझी (Kanimozhi) ने तमिलनाडु विधानसभा चुनाव (#TNAssemblyElection2021) में जीत मिलने का दावा किया. उन्होंने कहा कि जनता डीएमके को मजबूत विकल्प के रूप में देख रही है. उन्होंने कहा कि यह साफ तौर पर दिख रहा है कि अन्नाद्रमुक सरकार राज्य के विकास करने में नाकाम रही है. वहीं, लोगों में मौजूदा सरकार को लेकर काफी गुस्सा है.

 

यह खबर सौरभ शेखर के द्वारा लिखी गई है, जो भारतीय जनसंचार संस्थान (IIMC), नई दिल्ली के छात्र हैं.

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