राज्य सभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा के दौरान केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर कांग्रेस के खिलाफ एक टिप्पणी की थी, जिसे संसदीय कार्यवाही से हटा दिया गया है. कृषि कानूनों को काला कानून बताने पर सवाल उठाते हुए उन्होंने कहा, ‘किसानों को बरगलाया गया है कि ये कानून आपकी जमीन को छीन ले जाएंगे. मैं कहता हूं कि कॉन्ट्रेक्ट फॉर्मिंग एक्ट में कोई एक प्रावधान बताएं…जो किसी भी व्यापारी को किसान की जमीन छीनने की इजाजत देता है? लेकिन लोगों को भड़काया जा रहा है कि जमीन चली जाएगी.’
खड़गे की टिप्पणी पर विवादित बयान दिया
अपने इसी बयान के बीच में केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कांग्रेस सांसद मल्लिकार्जुन खडगे को संबोधित करते हुए कहा था, ‘खरगे जी, दुनिया जानती है कि पानी से खेती होती है, *** से खेती सिर्फ कांग्रेस ही कर सकती है, भारतीय जनता पार्टी *** की खेती नहीं कर सकती है.’ उनके इस विवादित बयान को न केवल लिखित दस्तावेजों से, बल्कि यूट्यूब पर संसदीय कार्यवाही के वीडियो से भी हटा दिया गया है.
कृषि मंत्री के इस बयान पर कांग्रेस की तीखी प्रतिक्रिया आई थी. संसद के बाहर पत्रकारों से मुखातिब कांग्रेस के राज्य सभा सांसद दिग्विजय सिंह ने पूछा था, ‘जो गोधरा में हुआ वो पानी की खेती थी या खून की खेती? बीजेपी हमेशा से नफरत और हिंसा की राजनीति करती आई है, कांग्रेस पार्टी सत्य और अहिंसा के रास्ते पर चलती आई है.’
दिग्विजय सिंह के कई शब्द भी कार्यवाही से हटे
इससे एक दिन पहले राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान कांग्रेस सांसद दिग्विजय सिंह के कई शब्दों को संसदीय कार्यवाही से हटाया गया है. इसमें पिछले मानसून सत्र, आरएसएस से प्रधानमंत्री के संबंध, मजदूरों के पलायन को लेकर प्रधानमंत्री से जुड़े शब्द और वेंटिलेटर खरीद व पीएम केयर्स फंड बनाने पर आरोपजनक शब्द शामिल हैं.
संसदीय कार्यवाही से बयानों को हटाने का नियम क्या है?
राज्य सभा की प्रक्रिया व कार्य संचालन संबंधी नियमावली के नियम-261 और नियम-262 के आधार पर किसी बयान या शब्द को संसदीय कार्यवाही से हटाया जाता है.
नियम-261 के अनुसार, ‘अगर सभापति को लगता है कि बहस के दौरान एक या ज्यादा शब्द ऐसे इस्तेमाल किए गए हैं जो अपमानजनक या अमर्यादित या असंसदीय या गरिमा के खिलाफ हैं तो वह अपने विवेक से, ऐसे शब्दों को परिषद (राज्य सभा) की कार्यवाही से निकालने का आदेश दे सकता है.’
वहीं, नियम-261 के मुताबिक, जिस शब्द या शब्दों को संसदीय कार्यवाही से हटाया जा जाएगा, उसकी जगह पर तारा चिन्ह लगाया जाएगा और नीचे उसकी व्याख्या में ‘Expunged as ordered by the Chair’ (आसन के आदेश से हटाया गया) लिखा जाएगा.