कोरोना संकट ने दुनिया भर की अर्थव्यवस्था को गहरी चोट पहुंचाई है. लेकिन भारत में दूसरे देशों के मुकाबले ज्यादा असर देखा जा रहा है. इसी मुद्दे पर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और लोक सभा सांसद राहुल गांधी ने कोरोना महामारी से निपटने के मोदी सरकार के तौर-तरीके को कठघरे में खड़ा किया है.
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने गुरुवार को ट्विटर पर वैश्विक सत्र पर गरीबी के विस्तार में भारत की सबसे ज्यादा हिस्सेदारी से जुड़ी एक रिपोर्ट साझा की. इसके साथ उन्होंने लिखा, ‘यह भारत सरकार के महामारी के कुप्रबंधन का नतीजा है. लेकिन अब हमें भविष्य की ओर देखना चाहिए. हमारे देश के पुनर्निर्माण की शुरुआत तब होगी, जब प्रधानमंत्री अपनी गलतियों को स्वीकार करेंगे और विशेषज्ञों से मदद मांगेंगे. (सच्चाई को) नकारने की मुद्रा अख्तियार रखने से किसी भी चीज का समाधान नहीं निकलेगा.’
This is the result of GOI’s pandemic mismanagement.
But we must look at the future now. Rebuilding our country will begin when PM acknowledges his mistakes & seeks help from the experts.
Living in denial will not solve anything. pic.twitter.com/JhBfmTd41w
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) June 17, 2021
कांग्रेस नेता राहुल गांधी विश्व बैंक की जो रिपोर्ट साझा की है, उसके मुताबिक, कोरोना महामारी के दौरान वैश्विक स्तर पर गरीबी के विस्तार में भारत का हिस्सा 57.3 फीसदी है. वहीं, मध्य वर्गीय आय में गिरावट में वैश्विक स्तर पर भारत का हिस्सा 59.3 फीसदी है। इस रिपोर्ट में रोजाना दो डॉलर से कम आमदनी वाले को गरीब और रोजाना 10 से 20 डॉलर कमाने वालों को मध्यवर्गीय आय समूह का माना गया है।